नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह राज्यसभा में पूर्वी लद्दाख की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दे रहे हैं। कल ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया था कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया। पेश है अपडेट
11:30 AM, 11th Feb
रक्षामंत्री ने कहा-
देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत के संकल्प से चीन अवगत है।
दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि द्विपक्षीय समझौतों के तहत सैनिकों की पूर्ण वापसी जल्द होनी चाहिए।
मैं सदन को बताना चाहता हूं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनाती, गश्त के संबंध में कुछ मुद्दे लंबित हैं।
मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमने कुछ नहीं खोया है।
दोनों पक्ष अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से हटाएंगे।
11:06 AM, 11th Feb
पैंगोंग से सैनिकों की वापसी के संबंध में चीन के साथ समझौता हो गया है। पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी हिस्से से सैनिकों की वापसी के लिए योजना पर भारत और चीन सहमत हो गए हैं।
11:04 AM, 11th Feb
देश की सुरक्षा के लिए हमारे सुरक्षा बलों ने पर्याप्त और प्रभावी जवाबी तैनाती की है।
11:01 AM, 11th Feb
- भारतीय सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में चुनौतियों का सामना प्रभावी तरीके से किया और अपनी बढ़त बनाए रखी।
- भारत ने हमेशा चीन से कहा है कि सीमा मुद्दे का हल बातचीत के जरिए हो सकता है।
10:49 AM, 11th Feb
हमारी सेनाओं ने इस बार भी यह साबित करके दिखाया है कि भारत की संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा करने में वे सदैव हर चुनौती से लड़ने के लिए तत्पर हैं और अनवरत कर रहे हैं।
10:48 AM, 11th Feb
रक्षा मंत्री ने कहा
- बातचीत के लिए हमारी रणनीति तथा अप्रोच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस दिशा-निर्देश पर आधारित है कि हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे। हमारे दृढ़ संकल्प का ही यह फल है कि हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए हैं।
10:39 AM, 11th Feb
रक्षामंत्री ने कहा-
- चीन ने एलएसी पर अतिक्रमण की कोशिश की।
- भारत की ओर से चीन को जवाब दिया गया।
- भारत ने एलएसी पर सेना कम करने पर जोर दिया।
- चीन और भारत के संबंधों पर असर पड़ा।
- भारत ने चीन के अवैध कब्जे को कभी नहीं माना है
- हमारी सेना कई अहम लोकेशन पर मौजूद है।
- भारत तीन सिद्धांतों से समाधान चाहता है।
10:32 AM, 11th Feb
बयान से पहले सीडीएस बिपिन रावत ने रक्षा मंत्री से मुलाकात की। इस मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।