संसदीय समिति ने ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के लिए धन की कमी पर जताई चिंता

Webdunia
सोमवार, 22 मार्च 2021 (13:01 IST)
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान में ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के लिए धन आवंटित नहीं किए जाने को गंभीरता से लेते हुए संसद की एक समिति ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्रदान करना बच्चों की जरूरत है तथा ऐसे में सरकार को डिजिटल कार्यक्रमों के लिए अधिक धन आवंटित करने की संभावनाओं का पता लगाना चाहिए।
 
संसद में पिछले दिनों पेश स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की अनुदान की मांगों संबंधी संसदीय समिति की रिपोर्ट में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से कहा है कि कि वह ई-शिक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने के वास्ते डिजिटल कार्यक्रमों के लिए अधिक धन आवंटित करने की संभावनाओं का पता लगाए। संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार कि ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के लिए वर्ष 2020-21 के 25 करोड़ रुपए के बजटीय अनुमान को घटाकर संशोधित अनुमान 1 करोड़ रुपए कर दिया गया। अर्थात यह बजटीय अनुमान से लगभग 96 प्रतिशत कम रहा।

ALSO READ: क्या NRC को पूरे देश में लागू करने की योजना है? इस सवाल का सरकार ने संसद में दिया यह जवाब
 
रिपोर्ट के अनुसार कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान में ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के लिए कोई धन आवंटित नहीं किया गया है। संसदीय समिति ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्रदान करना बच्चों की जरूरत है ताकि आगे चलकर डिजिटल आनलाइन शिक्षा पठन पाठन एवं सीखने का एक वैकल्पिक तरीका बन जाए।
 
समिति ने अपनी सिफारिश में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से कहा है कि कि वह ई-शिक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने के वास्ते डिजिटल कार्यक्रमों के लिए अधिक धन आवंटित करने की संभावनाओं का पता लगाए। गौरतलब है कि ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड का उल्लेख 2018-19 के बजट में हुआ था। इस विषय पर प्रो. झुनझुनवाला के नेतृत्व में समिति गठित की गई थी और उसकी रिपोर्ट के आधार पर इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई थी।

ALSO READ: सरकार ने संसद में बालाकोट एयर स्ट्राइक और अनुच्छेद 370 हटाने पर चैट लीक होने पर दी जानकारी, कही यह बात
 
साल 2019 में इस अभियान की शुरूआत की गई। शुरूआत में इसे स्कूल स्तर पर 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा और बाद में कॉलेज एवं विश्वविद्यालय स्तर तक विस्तार करने का खाका तैयार किया गया। स्कूली स्तर पर 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा की शिक्षा देने वाले देश में 1.5 लाख स्कूल हैं और इनमें करीब 7 लाख कक्षाएं हैं। वहीं कॉलेज एवं विश्वविद्यालय स्तर पर दो लाख कक्षाएं हैं। इस प्रकार से कुल 9 लाख कक्षाओं में डिजिटल ब्लैकबोर्ड लगाने की संकल्पना की गई थी।
 
इन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के माध्यम से फिल्म, लेक्चर, ट्यूटोरियल, गेम्स आदि के संयोग से विविध विषयों पर संकल्पनाओं एवं पाठ्यसामग्री को बच्चों को आसान भाषा में समझाने की योजना बनाई गई है। इसमें पाठ्य सामग्री भी होगी और ट्यूटोरियल भी होगा। छात्रों के संवाद के आधार पर शिक्षकों के जवाब भी यहां उपलब्ध होंगे। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख