असम के एक छोटे से गांव में पली बढ़ी हिमा दास ने फिनलैंड में हुई आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया था और देश का नाम रोशन किया था। अपने इस कारनामें से 18 साल की हिमा रातों रात सुर्खियों में छा गई। हर जुबान पर उनकी चर्चा होने लगी और लोग उनकी तारीफों के पुल बांधने लगे।
कई लोग उनके बारे में जानने के लिए गूगल का सहारा ले रहे हैं। लेकिन लोग हिमा की जाति के बारे में सबसे ज्यादा सर्च कर रहे हैं। वैसे इस बात को लेकर कुछ लोगों ने अपना दुख व्यक्त किया है।
हिमा दास के गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनको और खासकर उनकी जाति को लेकर गूगल सर्च में काफी उछाल देखा गया। गूगल ट्रेंड के आंकड़े बताते हैं कि लोगों ने सबसे ज्यादा हिमा दास की जाति पता करने की कोशिश की। इनमें सबसे ज्यादा संख्या असम और उसके बाद अरुणाचल प्रदेश के लोगों की हैं।
हिमा ने जब गोल्ड जीता था तो उनकी तारीफ में पीएम मोदी समेत दिग्गज हस्तियों ने ट्वीट किए थे। मोदी ने लिखा था कि हिमा की जीत के कभी न भूलनेवाले पल। जीतने के बाद जिस तरीके से वह तिरंगे को खोज रही थीं और फिर राष्ट्रगान के वक्त उनका भावुक होना मेरे दिल को छू गया। इस विडियो को देखकर कौन ऐसा भारतीय होगा जिसकी आंखों में खुशी के आंसू नहीं होंगे!
यह पहला मौका नहीं जब लोग किसी खिलाड़ी की जाति जानने में जुटे दिखे हो। इससे रियो ओलंपिक में पीवी सिंधु के सिल्वर जीतने के बाद भी कई लोगों ने गूगल पर उनकी जाति जानने की कोशिश की थी। इनमें आंध्र और तेलंगाना के लोगों खासी तादाद में थे।