इंडिया का नाम बदलकर भारत किया जाए, दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की याचिका

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 18 फ़रवरी 2025 (00:55 IST)
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र के वकील को संविधान में संशोधन करने और ‘इंडिया’ शब्द की जगह ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ करने के लिए सरकार को निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर निर्देश प्राप्त करने के लिए समय दिया है। यह याचिका 4 फरवरी को न्यायमूर्ति सचिन दत्ता के समक्ष सुनवाई के लिए आई थी और अदालत ने इसे 12 मार्च को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था। याचिका में दावा किया गया है कि अंग्रेजी नाम ‘इंडिया’ देश की संस्कृति और परंपरा का प्रतिनिधित्व नहीं करता है और इसका नाम बदलकर ‘भारत’ करने से नागरिकों को ‘औपनिवेशिक बोझ’ से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।
 
अदालत ने कहा, शुरुआत में अग्रिम सूचना पर उपस्थित हुए प्रतिवादी संख्या एक और चार (केंद्र) के वकील ने निर्देश प्राप्त करने के लिए कुछ समय मांगा है। शुरुआत में याचिकाकर्ता ने संविधान में संशोधन करने और ‘इंडिया’ शब्द की जगह ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
ALSO READ: अलगाववादी नेता ने जेल में मांगी फोन सुविधा, Delhi High Court ने किया NIA से जवाब तलब
शीर्ष अदालत ने 2020 में निर्देश दिया था कि याचिका को एक ज्ञापन के रूप में लिया जाए और उचित मंत्रालयों द्वारा इस पर विचार किया जा सकता है। याचिकाकर्ता नमहा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अधिकारियों को उनके ज्ञापन पर निर्णय लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
 
याचिका में कहा गया है, याचिकाकर्ता के पास वर्तमान याचिका के माध्यम से इस न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है, क्योंकि याचिकाकर्ता के ज्ञापन पर लिए गए किसी भी निर्णय के बारे में प्रतिवादियों की ओर से कोई अपडेट नहीं है।
ALSO READ: अब दृष्टिबाधित लोग भी 'ब्रेल' लिपि में पढ़ सकेंगे भारतीय संविधान
याचिका में दावा किया गया है कि अंग्रेजी नाम ‘इंडिया’ देश की संस्कृति और परंपरा का प्रतिनिधित्व नहीं करता है और इसका नाम बदलकर ‘भारत’ करने से नागरिकों को ‘औपनिवेशिक बोझ’ से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन करने की मांग की गई है, जो संघ के नाम और क्षेत्र से संबंधित है। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन करने की मांग की गई है।
 
तत्कालीन मसौदा संविधान के अनुच्छेद 1 पर 1948 की संविधान सभा की बहस का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है कि उस समय भी देश का नाम ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ रखने के पक्ष में ‘मजबूत लहर’ थी। इसमें कहा गया है, हालांकि अब समय आ गया है कि देश को उसके मूल और प्रामाणिक नाम यानी भारत से पहचाना जाए, खासकर तब जब हमारे शहरों के नाम बदलकर भारतीय लोकाचार के अनुरूप पहचान बनाई गई है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर क्यों है भारत? क्या मोदी-ट्रंप की दोस्ती का वक्त पूरा हो गया है?

डोनाल्ड ट्रंप को करना पड़ सकती है PM मोदी से बात, क्यों बोले अमेरिकी विशेषज्ञ

शशि थरूर ने फिर कही कांग्रेस को चुभने वाली बात, डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ को लेकर क्या बोले

देश में मानसून ने पकड़ी रफ्तार, दूसरे चरण में कितनी होगी बारिश, IMD ने जताया यह अनुमान

मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बरी होने पर रोई उमा भारती, कहा दिग्विजय ने रची भगवा आतंकवाद की झूठी थ्योरी

सभी देखें

नवीनतम

Amarnath Yatra: भारी बारिश और खराब सड़क मार्ग से अमरनाथ यात्रा 3 अगस्त तक स्थगित

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस एंकरिंग/मंच संचालन स्क्रिप्ट हिंदी में

इंदौर में फ्री फायर गेम में 2800 रुपए हारने पर 13 साल के मासूम का सुसाइड, मनोचिकित्सक की पेरेंट्स को सलाह, बच्चों के भावनात्मक स्वास्थ्य पर दें ध्यान

Rajasthan Rain : राजस्थान में मानसून मेहरबान, जुलाई में 77 प्रतिशत अधिक बारिश

स्वतंत्रता दिवस पर जोरदार भाषण, यह सुन हर कोई तालियों से करेगा आपका स्वागत

अगला लेख