प्लास्टिक के झंडों पर रोक की नीति तैयार करें : कोर्ट

Webdunia
सोमवार, 30 मार्च 2015 (22:15 IST)
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने आज महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय झंडों के उपयोग, बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक नीति तैयार करे।
 
न्यायमूर्ति एनएच पाटिल और न्यायमूर्ति वीएल अचलिया की पीठ एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी। यह याचिका हिन्दू जनजागृति संघ ने दाखिल की है। इसमें अगस्त 2007 के आदेश को लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है जिसमें ऐसे झंडों के उपयोग, बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी गई थी।
 
जनहित याचिका में कहा गया है कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस समारोहों के बाद सड़कों तथा अन्य स्थानों पर झंडे गिरे मिलते हैं।
 
केंद्र सरकार ने इसके पहले अदालत को सूचित किया था कि प्लास्टिक से तिरंगे बनाने पर रोक का एक प्रस्ताव लंबित है लेकिन इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है। 
 
उच्च न्यायालय ने आज राज्य सरकार को लोगों में जागरुकता पैदा करने का निर्देश दिया ताकि लोग ऐसे झंडे नहीं खरीदें और उन्हें नहीं फेंकें।
 
पीठ ने कहा कि सरकार को व्यापक नीति तैयार करनी चाहिए। लोक जागरुकता पैदा करनी चाहिए। पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय झंडों के संबंध में स्कूली पाठ्यपुस्तकों में भी संदेश प्रकाशित करना चाहिए।
 
अदालत ने कहा कि नगर निकाय के हर वार्ड से एक अधिकारी को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए कि वह स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोहों के बाद फेंके गए झंड़ों को एकत्र कर उनके निपटारे की व्यवस्था करे। पीठ ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 27 अप्रैल तय की है। (भाषा)
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?