कश्मीर में सैनिकों के साथ मोदी की दिवाली, कहा...

Webdunia
गुरुवार, 19 अक्टूबर 2017 (15:30 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा जिले की गुरेज घाटी में नियंत्रण रेखा पर पहुंचे और सेना एवं सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ दीपावली मनाई तथा उनके कल्याण और बेहतरी के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।
 
मोदी की यह लगातार चौथी दिवाली है, जो उन्होंने सीमा पर तैनात जवानों के साथ रहकर मनाई है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू और चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जे एस संधू भी मौजूद रहे।
 
प्रधानमंत्री गुरेज घाटी में लगभग दो घंटे तक रहे और उन्होंने जवानों को मिठाईयां बांटी और शुभकामनाएं दी।
 
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार सशस्त्र बलों के जवानों के कल्याण और बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए हरसंभव उपाय करेगी।
 
उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह वह  भी दिवाली अपने परिवार के साथ मनाना चाहते हैं। इसलिए वह सशस्त्र बलों के जवानों के बीच आए हैं, जिन्हें वह अपना परिवार मानते हैं।
 
उन्होंने कहा कि वह जवानों और सैनिकों के साथ अपना समय व्यतीत करते हैं, तो अपने भीतर एक नई ऊर्जा महसूस करते हैं। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में डटे रहने वाले जवानों की धैर्य और त्याग की सराहना की। 
 
मोदी ने कहा कि जो जवान नियमित रुप से योग कर रहे हैं, उनकी क्षमता में निश्चित रुप से इजाफा होगा और वे सहज बने रह सकेंगे। इसके अलावा सेवानिवृत्ति के बाद नियमित रुप से योग करने वाले जवान योग प्रशिक्षक बन सकते हैं।
 
उन्होंने अपने संबोधन में वर्ष 2022 में स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ तक नए संकल्प पूरे करने का उल्लेख किया और कहा कि जवानों को नए नवाचार पर जोर देना चाहिए जिससे उनका दैनिक जीवन सरल और सुरक्षित बन सके।
 
उन्होंने कहा कि सर्वोत्तम नवाचार को थलसेना, नौसेना दिवस और वायुसेना दिवस पर पुरस्कृत भी किया जा रहा है। वन रैंक वन पेंशन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सशस्त्र बलों के कल्याण और बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए हरसंभव उपाय कर रही है।
 
इस अवसर पर मोदी ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा, 'मातृभूमि की रक्षा के लिए राष्ट्र की सीमा पर तैनात अपने प्रिय परिजनों से दूर सभी सैनिक बलिदान की सर्वोच्च परंपरा का प्रदर्शन करते हैं और साहस तथा समर्पण के प्रतीक हैं। मुझे आपके साथ दिवाली के त्योहार पर समय बिताने का अवसर मिला है।
 
इस महोत्सव पर सीमा पर तैनात साहसी जवान करोड़ों भारतीयों के लिए आशा की किरण हैं और उनमें नई ऊर्जा का संचार करते हैं। नए भारत का सपना पूरा करने के लिए हम सब के लिए यह सुनहरा अवसर है कि सब एकजुटता के साथ काम करें। सेना भी इसका हिस्सा है। आप सभी को दिवाली की शुभकामनाएं। (वार्ता) 

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