पीएम मोदी ने न्याय में देरी को बताया सबसे बड़ी चुनौती, कहा- 1500 से ज्यादा अप्रासंगिक कानून समाप्त

Webdunia
शनिवार, 15 अक्टूबर 2022 (13:01 IST)
केवडिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पिछले कुछ सालों के भीतर देश में डेढ़ हजार से अधिक पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में राज्यों को भी इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए गुलामी के समय से चले आ रहे तथा अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को खत्म करना चाहिए। उन्होंने न्याय में देरी को देश की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताया। 
 
विधि मंत्रियों और विधि सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने राज्यों से अपील की कि वे अपने राज्यों में बनाए जाने वाले कानूनों की भाषा पर ध्यान केंद्रित करें ताकि गरीब से गरीब भी नए बनने वाले कानून को अच्छी तरह समझ पाएं।
 
उन्होंने कहा कि किसी भी नागरिक के लिए कानून की भाषा बाधा न बने, हर राज्य इसके लिए भी काम करे। युवाओं के लिए मातृभाषा में अकादमिक प्रणाली भी बनानी होगी, कानून से जुड़े पाठ्यक्रम मातृभाषा में हो, हमारे कानून सरल एवं सहज भाषा में लिखे जाएं, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के महत्वपूर्ण मामलों की डिजिटल लाइब्रेरी स्थानीय भाषा में हो, इसके लिए हमें काम करना होगा।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी के समय के कई पुराने कानून अभी भी राज्यों में चल रहे हैं और आजादी के अमृतकाल में गुलामी के समय से चले आ रहे इन कानूनों को समाप्त करके नए कानून आज की तारीख के हिसाब से बनाये जाना जरूरी है।
 
उन्होंने सम्मेलन में शामिल कानून मंत्रियों एवं सचिवों से कहा, 'मेरा आप सबसे आग्रह है कि सम्मेलन में इस तरह के कानूनों की समाप्ति का रास्ता बनाने पर विचार करना चाहिए। इसके अलावा राज्यों के जो मौजूदा कानून हैं, उसकी समीक्षा भी बहुत मददगार साबित होगी।'
 
उन्होंने कहा कि न्याय में देरी एक ऐसा विषय है जो नागरिकों की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और देश की न्यायपालिका इस दिशा में गंभीरता से काम भी कर रही है। अब अमृतकाल में मिलकर हमें इस समस्या का समाधान करना है।
 
मोदी ने अदालतों में लंबित मामलों की संख्या पर भी चिंता जताई और कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से देश में बीते वर्षों में लाखों मामलों को सुलझाया गया है। इनसे अदालतों का बोझ भी बहुत कम हुआ है, खासकर गांव में रहने वाले लोगों और गरीबों को न्याय मिलना भी आसान हुआ है।
 
पीएम ने कहा कि टेक्नोलॉजी किस तरह से आज न्याय व्यवस्था का भी अभिन्न अंग बन गई है, इसे हमने कोरोना काल में भी देखा है। आज देश में e-Courts mission तेजी से आगे बढ़ रहा है। 
Edited by : Nrapendra Gupta (एजेंसियां)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

CM धामी ने बदले 18 स्थानों के नाम, औरंगजेबपुर हुआ शिवाजी नगर

कौन हैं निधि तिवारी, बनीं पीएम मोदी की Personal Secretary?

जानिए कौन हैं घिबली' आर्ट की शुरुआत करने वाले हयाओ मियाजाकी, कितनी संपत्ति के हैं मालिक

सावधान! अप्रैल-जून में पड़ेगी सामान्य से ज्यादा गर्मी, लू से होगा सामना

1 अप्रैल की रात से बैंकिंग से लेकर यूपीआई तक बदल रहे हैं ये नियम

सभी देखें

नवीनतम

अमित शाह ने की घोषणा, नक्सलवाद प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 12 से रह गई 6

मध्यप्रदेश में फिर चलेगी सरकारी बसें, मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा को कैबिनेट की मंजूरी, सरकारी कर्मचारियों के बढ़े भत्ते

BJP में 75 की उम्र में Retirement का नियम नहीं, PM मोदी पर संजय राउत के बयान पर क्यों भड़के बावनकुले

आलीशान कोठी को बना दिया पोर्न स्‍टूडियो, काली फिल्‍म में आती थी खूबसूरत मॉडल्‍स, एक घंटे में 5 लाख कमाई

अगला लेख