वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को प्राचीन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा यहां से गंगा तट पर जाने वाली महात्वाकांक्षी कॉरिडोर निर्माण परियोजना का शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री अपने करीब तीन घंटे के एक दिवसीय दौरे की शुरुआत बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के साथ की। विभिविधान से पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने मंदिर परिसर के पास भूमिपूजन किया तथा फावड़े के सहारे पांच खास ईंटों की नींव रखकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडेार निर्माण का शिलान्यास किया। मंदिर का विस्तार 39 हजार वर्ग मीटर में किया जाएगा।
मोदी ने इस अवसर पर कहा कि आज मुक्ति का पर्व है। मंदिर के चारों तरफ काफी इमारतें थीं। भोलेबाबा को भी सदियों से सांस लेने में दिक्कत रही होगी। कई इमारतों को सरकार ने इक्वायर किया गया।
उन्होंने कहा कि मुझे आज गर्व के साथ कहना है कि योगी जी ने यहां जिन अफसरों की टीम लगाई है वह पूरी टीम भक्ति भाव से इस काम में लगी है। दिन-रात इस काम को पूरा करने में लगी है। लोगों को समझाना, इतनी प्रॉपर्टी को अधिगृहीत करना, विरोधियों को भी नियंत्रित करना यह सब काम अफसरों की टोली ने किया है। मैं उनका अभिनंदन करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी की महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर निर्माण के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने 600 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। इस धनराशि में से 290 करोड़ रुपए मंदिर प्रशासन को जारी किए जा चुके हैं। प्रशासन ने कॉरिडोर के लिए चिन्हित 296 मकानों में से 235 खरीदे लिए हैं, जबकि बाकी की प्रक्रिया चल रही है। मंदिर प्रशासन द्वारा खरीदे गए ज्यादातर मकान ध्वस्त कर दिए गए हैं।
पुराने मकानों के ढहाने के बाद अनेक प्रचीन मंदिर आसानी से दिखाई देने लगे हैं। कॉरिडोर निर्माण के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से दशाश्वमेध घाट पर प्रति वर्ष आने वाले करोड़ों देशी-विदेशी श्रद्धालुओं का आवागम एवं दर्शन-पूजन करने पहले की अपेक्षा सुगम हो जाएगा।