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तो कोई आकर फ्री पेट्रोल-डीजल वाली घोषणा कर सकता है..' PM मोदी ने 'मुफ्त रेवड़ी' कल्चर पर फिर साधा निशाना

हमें फॉलो करें तो कोई आकर फ्री पेट्रोल-डीजल वाली घोषणा कर सकता है..' PM मोदी ने 'मुफ्त रेवड़ी' कल्चर पर फिर साधा निशाना
, बुधवार, 10 अगस्त 2022 (19:38 IST)
पानीपत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हरियाणा के पानीपत रिफाइनरी में इंडियन ऑइल 2G इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने 'मुफ्त रेवड़ी' कल्चर पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि 'कोई भी आकर मुफ्त पेट्रोल-डीजल देने की घोषणा करे, तो उसकी राजनीति सेल्‍फ सेंटर्ड होगी। इस तरह के कदम हमारे बच्चों से अधिकार छीन लेंगे और देश को आत्मनिर्भर बनने से रोकेंगे। इससे देश के करदाताओं पर बोझ बढ़ेगा। 
 
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ‘शॉर्टकट’ पर चलने की बजाय समस्याओं का स्थायी समाधान करती है। मोदी ने बुधवार को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) की पानीपत रिफाइनरी के पास स्थापित दूसरी पीढ़ी के एथनॉल संयंत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राष्ट्र को समर्पित करते हुए यह बात कही।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि पानीपत में बनाए गए दूसरी पीढ़ी के एथनॉल संयंत्र से किसानों की आय बढ़ेगी और साथ ही पराली की लंबे समय से जारी समस्या से भी छुटकारा मिलेगा। आईओसी की पानीपत रिफाइनरी के पास स्थित इस एथनॉल संयंत्र पर 900 करोड़ रुपए की लागत आई है।
 
मोदी ने कहा कि पानीपत के जैविक ईंधन संयंत्र से पराली का बिना जलाए भी निपटारा हो पाएगा। इसके एक साथ कई फायदे होंगे।
 
उन्होंने कहा कि पहला फायदा तो ये होगा कि पराली जलाने से धरती मां को जो पीड़ा होती थी, उस पीड़ा से मुक्ति मिलेगी। दूसरा फायदा पराली काटने से लेकर उसके निस्तारण के लिए जो नई व्यवस्था बन रही है, उससे गांवों के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
 
मोदी ने कहा कि इसके अलावा पराली किसानों के लिये अतिरिक्त आय का माध्यम बनेगी। साथ ही प्रदूषण कम होगा, पर्यावरण की रक्षा में किसानों का योगदान और बढ़ेगा। और देश को एक वैकल्पिक ईंधन भी मिलेगा।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि शॉर्टकट पर चलने के बजाय हमारी सरकार समस्याओं के स्थायी समाधान में जुटी है। पराली की दिक्कतों के बारे में भी बरसों से कितना कुछ कहा गया। लेकिन शॉर्टकट वाले इसका समाधान नहीं दे पाए’’ आईओसी की स्वदेशी प्रौद्योगिकी पर आधारित इस परियोजना में एक साल में करीब दो लाख टन भूसी को इस्तेमाल में लाया जाएगा। इसकी सहायता से सालाना करीब 3 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन होगा।

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