प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज डिजिटल माध्यम से जी-7 शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी 12 और 13 जून को जी-7 के शिखर सम्मेलन के संपर्क (आउटरीच) सत्रों में डिजटल माध्यम के जरिए भाग लेंगे। विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि मोदी देश में कोरोनावायरस महामारी की मौजूदा परिस्तिथि के मद्देनजर जी-7 शिखर में भाग लेने के लिए ब्रिटेन नहीं जाएंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ है। ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन की शुक्रवार को औपचारिक रूप से शुरुआत हुई है। दुनिया की सबसे उन्नत अर्थव्यस्थाओं के नेता वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद पहली बार एक मंच पर एकत्र हुए हैं।
यह दूसरा मौका होगा जब पीएम मोदी जी-7 बैठक में शामिल होंगे। साल 2019 में फ्रांस की अध्य्यक्षता में हुए जी-7 के शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित किया गया था। इस सम्मेलन में जलवायु, जैव विविधता और महासागर व डिजिटल बदलाव से जुड़े सत्रों कें मोदी ने हिस्सा लिया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सम्मेलन का विषय 'बेहतर पुननिर्माण' है और ब्रिटेन ने अपनी अध्यक्षता के तहत 4 प्राथमिक क्षेत्र तय किए हैं।
बीते दिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कॉर्नवाल ने जी-7 शिखर सम्मेलन की शुरुआत को घोषणा की कि ब्रिटेन अगले साल तक दुनिया को कोविड-19 रोधी टीके की 10 करोड़ खुराकें देगा। जॉनसन ने कहा कि महामारी की शुरुआत के बाद से इस घातक बीमारी के खिलाफ मानवता की रक्षा के लिए ब्रिटेन ने आगे बढ़कर प्रयास किया है। एक साल पहले हमने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके को इस आधार पर वित्तीय मदद की थी कि दुनिया को किफायती मूल्य पर टीके की आपूर्ति हो। शिखर सम्मेलन के औपचारिक सत्र के पहले जॉनसन ने महामारी को हराने के लिए बड़े कदम उठाने का संकल्प जताया।