मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी...

Webdunia
रविवार, 29 जनवरी 2017 (11:00 IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर मन की बात में देशवासियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को स्माइल मोर, स्कोर मोर का भी मंत्र दिया। उन्होंने कहा...

* वसंत पंचमी के पावन त्योहार पर देशवासियों को शुभकामनाएं। 
* एक फरवरी को वसंत पंचमी। 
* हमारे देश के कोस्टगार्ड में पुरुषों के साथ ही महिलाएं भी बराबरी से जिम्मेदारियां निभा रही है। 
* विश्व के चार सबसे बड़े कोस्टगार्ड में हमारा स्थान। 
* कोस्टगार्ड के अधिकारियों और जवानों को बधाई। 
* एक फरवरी को कोस्टगार्ड के 40 साल हो रहे हैं। 
* तनाव गहराया तो लंबी सांस लें, आराम मिलेगा। 
* परीक्षा की तैयारी के दिनों में आराम करना न भुलें। 
* रिलेक्स रहना याद्‍दाश्त के लिए सबसे अच्छी दवा। 
* परीक्षा के समय तीन बातें बहुत जरूरी, उचित आराम,उचित नींद और उचित शारीरिक क्रियाएं।
* अगर यह समय नकल की बजाए पढ़ाई पर देते तो परिणाम को बेहतर बना सकते। 
* नकल जीवन को विफल बनाती है। 
* वह आपको बुरा बनाती है, कभी नकल मत कीजिए। 
* नकल कभी भी फायदा नहीं करती।
* अभिभावक बच्चों की क्षमा को पहचाने, सिखाने और उन्हें समय देने पर ध्यान दें।   
* कई बार अभिभावकों की अपेक्षा छात्रों के बस्ते से भी भारी हो जाती है। 
* जो हो उसे स्वीकार कीजिए, आप भी तनाव मुक्त हो जाएंगे। 
* छात्रों के विकास में अभिभावकों की भुमिका बहुत। 
* अंकों पर नहीं काबिलियत पर ध्यान देना चाहिए। 
* सचिन तेंडुलकर पूरे देश के लिए मिसाल, उन्होंने अपने ही रिकॉर्ड तोड़े। 
* खुद को पराजित कर आगे बढ़ना ही अनुस्पर्धा है। 
* बीते हुए परिणाम से आने वाला कल कैसे हो इसके लिए अनुस्पर्धा हो। 
* जीवन को आगे बढ़ाने में प्रतिस्पर्धा नहीं, अनुस्पर्धा काम आती है। 
* जीवन जीने के लिए संकल्प जरूरी। 
* वकील के पास जाने पर भी आप उसकी डिग्री नहीं देखते, उसके अनुभव को देखते हैं। 
* आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो उसके नंबर नहीं देखते।  
* पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम पूरे देश और दुनिया के लिए मिसाल हैं। 
* परीक्षा में सफलता-असफलता का जीवन से कोई लेना-देना नहीं।
* परीक्षा आपने जो साल भर पड़ा उसकी होती है, इसका जीवन जीने की कसौटी नहीं है। 
* जितने खुश रहेंगे, परीक्षा में उतने नंबर। 
* परीक्षा के दौरान सहज रहें तो याद्‍दाश्त बेहतर रहती है। 
* स्माइल मोर, स्कोर मोर।
* जनवरी से अप्रैल तक पूरे परिवार पर परीक्षा का बोझ। 
* परीक्षा को ऐसे लिजिए मानो त्योहार है। 
* परीक्षा को लेकर छात्रों पर दबाव नहीं होना चाहिए।
* बहुत कम लोगों के लिए एक्जाम प्लेजर, ज्यादातर के लिए प्रेशर। 
* एक तरफ हम 26 जनवरी की खबरों से उत्साहित और आनंदित थे वहीं दूसरी तरफ हिमस्खलन में जवान शहीद हुए। जवानों को श्रद्धांजलि।  
* अधिकार के साथ कर्तव्य जरूरी। 
* अधिकार और कर्तव्य दोनों पर ध्यान दें। 
* 30 जनवरी को बापू की पुण्यतिथि। उन्हें दो मिनट श्रद्धांजलि दें।  
* देश ने गणतंत्र दिवस धूमधाम से बनाया। 
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