प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन 2025 में वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि अपने आसियान परिवार के साथ फिर एक बार मुझे जुड़ने का मौका मिला है। मुझे बहुत खुशी हो रही है। इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने भारत और आसियान के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों पर ज़ोर दिया और कहा कि मिलकर वे दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
उन्होंने कहा कि 'हम सिर्फ भूगोल ही शेयर नहीं करते। कुआलालंपुर (Kuala Lumpur) में हुए इस शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम (Anwar Ibrahim) के बुलावे पर हिस्सा लिया, जो 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के साथ हुआ। आसियान-भारत शिखर सम्मेलन (ASEAN-India Summit) एक वार्षिक बैठक है जो भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के 10 सदस्य देशों (अब 11) के टॉप लीडर को एक मंच पर लाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अनिश्चितता के इस दौर में भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी निरंतर मजबूत हुई है। हमारी मज़बूत साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास का आधार बनकर उभर रही है। पीएम मोदी ने 2026 को 'आसियान-भारत समुद्री सहयोग का वर्ष' भी घोषित किया।
पीएम मोदी ने कहा, 'इस वर्ष आसियान शिखर सम्मेलन का विषय 'समावेशीपन और स्थिरता' है। यह विषय हमारे साझा प्रयासों में स्पष्ट रूप से दिखती है, चाहे वह डिजिटल समावेशन हो या वर्तमान चुनौतियों के बीच खाद्य सुरक्षा और लचीली आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना। भारत इसका समर्थन करता है और इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत हर आपदा में अपने आसियान भागीदारों के साथ हमेशा मजबूती से खड़ा रहा है। Edited by : Sudhir Sharma