पीएनबी घोटाले पर जेटली बोले, नियामक नेताओं की तरह जवाबदेह नहीं

Webdunia
शनिवार, 24 फ़रवरी 2018 (14:32 IST)
नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 11,400 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले के लिए नियामकों-लेखा परीक्षकों की अपर्याप्त निगरानी और ढीले बैंक प्रबंधन को आज जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि घोटालेबाजों को दंडित करने के लिए यदि जरूरत पड़ी तो नियमों को सख्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के नियामक नेताओं की तरह जवाबदेह नहीं हैं।
 
इस सप्ताह में घोटाले पर दूसरी बार बोलते हुए जेटली ने कहा कि घोटालेबाजों के साथ कर्मचारियों की साठगांठ परेशान करने वाली बात है। किसी ने इस पर आपत्ति नहीं की, यह भी परेशान करने वाली बात है। नियामकों को धोखाधड़ी की पहचान एवं इन्हें रोकने के लिए तीसरी आंख खुली रखनी चाहिए।
 
'ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट' में उन्होंने कहा कि उद्यमियों को नैतिक कारोबार की आदत डालने की जरूरत है, क्योंकि इस तरह के घोटाले अर्थव्यवस्था पर धब्बा हैं और ये सुधारों एवं कारोबार सुगमता को पीछे धकेल देते हैं। कर्जदाता-कर्जदार के संबंधों में अनैतिक व्यवहार का खत्म होना जरूरी है। यदि जरूरत पड़ी तो संलिप्त व्यक्तियों को सजा देने के लिए नियमों को सख्त किया जाएगा।
 
वित्तमंत्री ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पाने को लेकर बैंक प्रबंधन की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बैंक में क्या चल रहा है? इससे शीर्ष प्रबंधन की अनभिज्ञता और अपर्याप्त निगरानी चिंताजनक है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भाजपा नेता शाजिया इल्मी पर 25000 का जुर्माना, याचिका में छिपाए थे तथ्य

वक्फ बिल से नीतीश कुमार को लगा झटका, मुस्लिम नेता छोड़ रहे हैं पार्टी

जामनगर से द्वारका, 170 किलोमीटर की पदयात्रा पर अनंत अंबानी

बिहार में है शराबबंदी, फिर भी 9 साल में चली गई 190 लोगों की जान

1000 करोड़ की राजस्व वसूली करने वाले इंदौर नगर निगम की गाड़ियां कुर्क

सभी देखें

नवीनतम

Petrol-Diesel Price: पेट्रोल और डीजल की कीमतें जस की तस बरकरार, भावों में कोई बदलाव नहीं, जानें ताजा दाम

Weather Updates: दिल्ली में पहली बार लू का येलो अलर्ट जारी, जानें देश के अन्य भागों का मौसम

तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हैं अन्नामलाई, दिया बड़ा बयान

टूटी सीट पर भड़का आप नेता का गुस्सा, एयर इंडिया ने दिया जवाब

LIVE: जापान और EU ने अमेरिका पर लगाया जवाबी टैरिफ, बढ़ा मंदी का खतरा

अगला लेख