नायब सिंह सैनी : सुर्खियों से दूर रहने वाले नेता से शीर्ष पद तक का सफर

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 17 अक्टूबर 2024 (16:46 IST)
Nayab Singh Saini News : हरियाणा में जब भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए मार्च में नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री चुना तो कई राजनीतिक पंडितों का मानना था कि सिर्फ नेतृत्व परिवर्तन ही चुनाव जीतने के लिए काफी नहीं होगा लेकिन सुर्खियों से दूर रहने वाले और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के इस नेता ने राज्य में अपनी पार्टी को जीत दिलाकर अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया।
 
सैनी को मार्च में कद्दावर नेता मनोहर लाल खट्टर के स्थान पर प्रदेश की सत्ता की कमान सौंपी गई थी। उस समय भाजपा आलाकमान के इस फैसले ने जनता के साथ ही राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया था। सैनी (54) ने बड़ी चतुराई से अपने और अपनी पार्टी के बारे में जनता की धारणा बदल दी जबकि कई लोगों का मानना ​​था कि चुनाव में कांग्रेस की जीत होगी।
 
सैनी ने गुरुवार को पंचकूला में आयोजित एक समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई नेता शामिल हुए। भाजपा ने 90 सदस्‍यीय विधानसभा में 48 सीट जीतीं। हिसार से विधायक सावित्री जिंदल समेत 3 निर्दलीय विधायकों ने भी पार्टी को समर्थन दिया है।
ALSO READ: नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा CM पद की शपथ ली, अनिल विज समेत 13 बने मंत्री
अंबाला के मिर्जापुर माजरा गांव में हुआ जन्‍म : अंबाला के मिर्जापुर माजरा गांव में 25 जनवरी 1970 को जन्मे सैनी 2014 से 2019 के बीच खट्टर कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। पिछले 3 दशक में सैनी राज्य भाजपा में तेजी से उभरे। वह हरियाणा भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष और महासचिव के पद पर रहे।
 
वह 2002 में राज्य भाजपा युवा शाखा के अंबाला जिले के महासचिव और 3 साल बाद जिला अध्यक्ष बने। वह 2014 में नारायणगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से हरियाणा विधानसभा और 2019 में कुरुक्षेत्र सीट से लोकसभा के लिए चुने गए। पार्टी ने ओबीसी समुदाय और गैर-जाट समुदायों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास में अक्टूबर 2023 में सैनी को भाजपा की हरियाणा इकाई प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था।
 
भाजपा ने सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन लाल बड़ौली को जुलाई में पार्टी की राज्य इकाई का प्रमुख चुना। सैनी को भाजपा की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष पद से मार्च में ऐसे समय में मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नति मिली थी, जब पार्टी खट्टर के साढ़े 9 साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही थी।
ALSO READ: हरियाणा में भाजपा सरकार के गठन पर दिल्ली में मंथन, पीएम मोदी से मिले नायब सिंह सैनी
इतना ही नहीं, विपक्ष किसानों, बेरोजगारी, अग्निपथ योजना, महंगाई और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर भाजपा सरकार को चारों ओर से घेरने में लगा था। मार्च में खट्टर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनकी करनाल विधानसभा सीट खाली हो गई थी। मई में लोकसभा चुनाव के साथ ही हुए उपचुनाव में सैनी ने कांग्रेस उम्मीदवार तरलोचन सिंह को हराकर यह सीट जीती थी।
 
नायब सिंह सैनी को कुर्सी पर बैठे कुछ ही दिन हुए थे कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के चलते लागू आदर्श आचार संहिता और फिर विधानसभा चुनावों की घोषणा के कारण सैनी को जनता का रुख भाजपा के पक्ष में करने के लिए केवल 2 महीनों का ही समय मिला लेकिन सैनी तुरंत काम में लग गए और उनकी कैबिनेट ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए।
 
इनमें से प्रमुख थे- सशस्त्र बलों में अपनी सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करने के लिए हरियाणा अग्निवीर नीति, 2024 को मंजूरी देना और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 10 और फसलें खरीदने के प्रस्ताव को स्वीकृति देना। इसके साथ ही हरियाणा 24 फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने वाला एकमात्र राज्य बन गया।
 
भाजपा ने 'हर घर गृहिणी योजना' के तहत 500 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का भी वादा किया। पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में महिलाओं के लिए 2,100 रुपए की मासिक वित्तीय सहायता, युवाओं के लिए दो लाख सरकारी नौकरियां और हरियाणा के अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरियों की गारंटी जैसे कई अन्य वादे किए गए।
ALSO READ: हरियाणा में हार का कांग्रेस ने किया मंथन, नहीं आए हुड्डा, नाराज राहुल गांधी ने कही बड़ी बात
भाजपा ने मतदाताओं को हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में चुनावी वादों को पूरा करने में कांग्रेस की 'विफलता' के बारे में भी बताया। 'एग्जिट पोल' को कोई तवज्जो नहीं देते हुए सैनी ने दावा किया था कि भाजपा हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा बरकरार रखेगी। सैनी ने 6 अक्टूबर को कहा था कि 8 तारीख को जनता देगी जवाब, ये(कांग्रेस) कहेंगे, ईवीएम है खराब।
 
सैनी ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी मेवा सिंह के खिलाफ लाडवा विधानसभा सीट 16,054 वोटों के अंतर से जीत ली। भाजपा ने अपनी परंपरा से हटकर घोषणा की थी कि विधानसभा चुनावों के बाद अगर पार्टी हरियाणा में सत्ता में लौटती है तो सैनी ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे जबकि पूर्व मंत्री अनिल विज ने भी अपनी दावेदारी पेश की थी। सैनी को भाजपा विधायकों की बैठक में बुधवार को सर्वसम्मति से हरियाणा में भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया और विज उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने उनके नाम का समर्थन किया।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

EVM के आरोप का कोई सिर-पैर नहीं, INDIA Alliance के दल नहीं एकमत, अभिषेक बनर्जी ने कहा- नहीं हो सकती कोई गड़बड़ी, सबूत दिखाएं

Delhi pollution : दिल्ली-NCR में लागू GRAP-3 की पाबंदियां, डीजल वाहनों और कंस्ट्रक्शन वर्क के साथ किन चीजों पर रहेंगी पाबंदियां

किस बीमारी से हुआ तबला उस्‍ताद जाकिर हुसैन का निधन, क्‍या होता है IPF और कैसे इससे बचें?

फिलिस्तीन लिखा हैंडबैग लेकर संसद पहुंची प्रियंका गांधी

मणिपुर को लेकर कांग्रेस ने साधा मोदी पर निशाना, कहा- हालात का जायजा लेने का समय नहीं

सभी देखें

नवीनतम

Delhi : बांसुरी स्वराज को अदालत ने दिया नोटिस, जानिए क्या है पूरा मामला

स्विट्जरलैंड के फैसले का ईएफटीए-भारत समझौते पर नहीं होगा असर, वाणिज्य सचिव बर्थवाल ने दिया यह बयान

अतुल सुभाष मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी चाचा की अर्जी पर सुनवाई कर दी अग्रिम जमानत

गडकरी को बाला साहब ने ऑफर की थी स्पेशल वाइन, मना किया तो बोले- ये चड्ढी वाला है, ये गाय का गोबर और गौमूत्र वाला है

Gold Import : सोने का आयात रिकॉर्ड उच्च स्तर पर, त्योहारी मांग से नवंबर में हुआ 4 गुना

अगला लेख