नई दिल्ली। देश में बिजली संकट की आहट करीब आती जा रही है। कोयले से बिजली बनाने वाले संयंत्रों के पास 12 अप्रैल को मात्र 8.4 दिन का कोयला बचा हुआ था। कोयले की कमी के कारण उत्पादन प्रभावित होने से 12 राज्यों ने बिजली कटौती शुरू कर दी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने माना है, कुछ राज्यों में कोयले की कमी हो गई है। हालांकि इसके लिए उन्होंने अलग कारण बताए हैं।
यूक्रेन युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत में तेजी से वृद्धि हुई है। तमिलनाडु के अधिकांश संयंत्र इसी वजह से संकट में हैं। देश में अप्रैल में बिजली की मांग 38 वर्षों में सबसे ज्यादा है, जबकि कोयले की आपूर्ति बीते 10 सालों में सबसे कम। पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो बिजली संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति पिछले साल के मुकाबले 24.5% बढ़कर 67.767 करोड़ टन रही है। इसके बावजूद बढ़ी मांग से यह आपूर्ति भी कम पड़ रही है। कायदे से संयंत्रों के पास 1 महीने का कोयला स्टॉक होना चाहिए।
महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, यूपी, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा व तमिलनाडु में मुश्किलें बढ़ गई हैं। इन राज्यों ने बिजली कटौती शुरू कर दी है। स्थिति सामान्य रखने के लिए गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्य महंगी बिजली खरीद रहे हैं। झारखंड, बिहार व हरियाणा में 3-3 फीसदी से ज्यादा बिजली की कमी है तथा कटौती जारी है।