Prajwal Revanna : युवा सांसद बन बटोरी थीं सुर्खियां, 50 महिलाओं के साथ बलात्कार के आरोप, ऐसे हुआ प्रज्वल रेवन्ना कांड का खुलासा

सब-इंस्पेक्टर, तहसीलदार और फूड डिपार्टमेंट में नौकरी का लालच देकर प्रज्वल ने महिलाओं की अस्मत को किया तार-तार

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 2 अगस्त 2025 (18:01 IST)
Prajwal Revanna News : स्पेशल कोर्ट जब प्रज्वल रेवन्ना को उसके गुनाहों की सजा दे रहा था तो देवेगौड़ा परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna)  ने देवेगौड़ा परिवार को अपने घिनौने अचारण से कितनी बड़ी चोट दी है। पूरे परिवार को एक बड़ी शर्मिंदगी में ढकेल दिया है। प्रज्वल के दादा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा अभी राज्यसभा के सदस्य हैं तो वहीं उनके चाचा एचडी कुमारस्वामी केंद्र में मंत्री हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक दोषी ठहराए जाने से पहले प्रज्वल जज के सामने रोने लगा। प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार मामले में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
 
2019 में जीती थी हासन लोकसभा सीट
प्रज्वल रेवन्ना की मई, 2019 में जब हासन सीट से जीत हासिल की थी तब वे 17वीं लोकसभा में तीसरे सबसे कम उम्र के सांसद थे। यह महज संयोग है कि अब प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा मिल चुकी है। प्रज्वल रेवन्ना 28 साल की उम्र में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे। प्रज्वल पर बड़े पैमाने पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न करने के आरोप हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक करीब 50 महिलाओं के साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोप हैं। प्रज्वल रेवन्ना कांड का खुलासा 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ। 
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ऐसे हुआ कांड का खुलासा 
24 अप्रैल 2024 की सुबह हासन स्टेडियम के रनिंग ट्रैक पर सैकड़ों पैन ड्राइव मिले। इसमें पूर्व सांसद से जुड़े 3 हजार सेक्स क्लिप थे। देखते ही देखते अश्लील वीडियो कर्नाटक सहित देशभर में वायरल होने लगे। प्रज्वल पर 50 से अधिक महिलाओं के यौन शोषण का आरोप है, जिनमें से 12 के साथ बलात्कार के मामले सामने आए हैं। कुछ महिलाओं को नौकरी का लालच देकर शोषण किया गया। सब-इंस्पेक्टर, तहसीलदार, और फूड डिपार्टमेंट में नौकरी के वादे करके महिलाओं की इज्जत को तार-तार किया गया। 
 
क्या हैं चार्जशीट में आरोप
चार्जशीट में आरोप है कि प्रज्वल ने 2021 में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान पीड़िता के साथ दो बार बलात्कार किया। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा कि प्रज्वल ने न केवल उसका यौन शोषण किया बल्कि उसे धमकियां देकर चुप रहने के लिए मजबूर किया। उसने बताया कि रेवन्ना परिवार के रसूख और सत्ता के दबाव के कारण वह पहले बोल नहीं पाई, लेकिन आखिरकार उसने हिम्मत जुटाकर न्याय की गुहार लगाई।
 
वीडियो बना सबसे बड़ा सबूत
अभियोजन पक्ष द्वारा कोर्ट में पेश किए गए अकाट्य सबूतों ने प्रज्वल को कटघरे में ला खड़ा किया। सबसे सनसनीखेज सबूत था प्रज्वल द्वारा बनाया गया वीडियो, जिसमें उन्होंने अपराध को रिकॉर्ड किया था। इसके अलावा, पीड़िता की साड़ी, जो तीन-चार साल बाद भी जब्त की गई और मोबाइल लोकेशन डेटा ने उनकी करतूतों को पूरी तरह उजागर कर दिया। डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट ने भी अभियोजन पक्ष के दावों को मजबूत किया। विशेष लोक अभियोजक अशोक नायक ने मीडिया को कहा कि "पीड़िता का बयान अडिग था, और यह उसकी जीत है। हमने न केवल मौखिक गवाही, बल्कि डिजिटल सबूत, डीएनए रिपोर्ट, और फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की रिपोर्ट पर भरोसा किया। 
 
हासन में चलता है देवेगौड़ा परिवार का संविधान
कोर्ट का यह फैसला रेवन्ना परिवार और जनता दल (सेक्युलर) के लिए एक बड़ा झटका है। हासन में लोग कहते हैं कि यहां दो संविधान चलते हैं-एक बाबा साहब अंबेडकर का और दूसरा देवेगौड़ा परिवार का। प्रज्वल की गिरफ्तारी और दोषसिद्धि ने इस धारणा को चुनौती दी है। सोशल मीडिया पर इस फैसले को लेकर लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ ने इसे 'न्याय की जीत' बताया है जबकि कुछ इसे सियासी साजिश का हिस्सा मानते हैं। प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना और मां भवानी रेवन्ना पर भी अपहरण का एक अलग मामला दर्ज है। इसने इस परिवार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
 
सत्ताधीशों और रसूखदारों के खिलाफ बनेगा मिसाल
सजा के ऐलान के बाद यह मामला और गर्म होने वाला है। माना जा रहा है कि यह फैसला भारत में नेताओं और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों में एक मिसाल कायम करेगा। पीड़िता की हिम्मत, एसआईटी की मेहनत, और अदालत की त्वरित कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता, चाहे सामने वाला कितना भी रसूखदार और ताकतवर क्यों न हो। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma

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