मुंबई। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के पौत्र एवं दलित नेता प्रकाश आंबेडकर अपने उस बयान को लेकर गुरुवार को विवादों में घिर गए जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि पुलवामा आतंकवादी हमले पर बात न करने को लेकर वे चुनाव आयोग को दो दिन के लिए जेल भेजेंगे।
महाराष्ट्र के यवतमाल जिले की रैली में आंबेडकर के इस बयान पर संज्ञान लेते हुए राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय चुनाव अधिकारियों से मामले पर रिपोर्ट तलब की है।
तीन बार के सांसद आंबेडकर ने गुरुवार को एक रैली में कहा था कि हमने अपने 40 जवान खो दिए (पुलवामा हमले में), लेकिन फिर भी चुप हैं। हमें कहा गया है कि पुलवामा हमले पर बात न की जाए।
उन्होंने कहा, ईसी हमें चुप कैसे करा सकता है? हमारे संविधान में हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है। मैं भाजपाई नहीं हूं। अगर मैं सत्ता में आया तो चुनाव आयोग को दो दिन के लिए जेल भेजूंगा। इस बयान पर सवाल किए जाने पर आंबेडकर ने कहा, मैंने यह बात समान परिप्रेक्ष्य में की थी लेकिन मेरे चुनाव आयोग पर दिए बयान को ही मुद्दा बनाया गया।
‘वंचित बहुजन आघाडी’ (वीबीए) आंबेडकर के नेतृत्व वाले भारिप बहुजन महासंघ और असदुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम का एक गठबंधन है। वीबीए ने राज्य में 48 लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारें हैं।
महाराष्ट्र में 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को चार चरण में मतदान होंगे। आंबेडकर ‘वंचित बहुजन आघाडी’ (वीबीए) के टिकट पर महाराष्ट्र की सोलापुर और अकोला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।