घृणा भाषण और भय फैलाने वाली बातें बंद हों : राष्ट्रपति

Webdunia
शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2015 (00:01 IST)
नई दिल्ली। गौमांस को लेकर विवाद बढ़ने और इसमें सांप्रदायिक रंग चढ़ने के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को आगाह किया कि घृणा भाषण और भय फैलाने वाली बातें बंद की जानी चाहिए तथा यह भी कहा कि कुछ व्यक्तियों की सत्ता की भूख को संतुष्ट करने के लिए धर्म का उपयोग मुखौटे की तरह नहीं किया जाना चाहिए।
जार्डन यात्रा से पूर्व अरबी दैनिक अल गहद को दिए साक्षात्कार में मुखर्जी ने मध्य मार्ग की आवाज को बुलंद करने को कहा।
 
उन्होंने कहा, घृणा भाषण तथा भय फैलाने वाली बातें बंद होनी चाहिए। हमें मध्य मार्ग की आवाज को बुलंद करना चाहिए। हमें कुछ व्यक्तियों की सत्ता की भूख को संतुष्ट करने और नियंत्रण के लिए धर्म का उपयोग मुखौटे की तरह करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। 
 
राष्ट्रपति की यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश के दादरी में 50 साल के एक व्यक्ति की गौमांस की अफवाह के कारण पीट-पीटकर जान लिए जाने के मुद्दे और उसके बाद शुरू हुई राजनीति की पृष्ठभूमि में आई है।
 
उन्होंने कहा, सहिष्णुता एवं सह अस्तित्व हमारी सभ्‍यता के बुनियादी सिद्धांत हैं। हमें वे बहुत प्रिय हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देशों के बीच सह अस्तित्व के लिए पंचशील का सिद्धांत प्रतिपादित किया था। (भाषा)
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