प्रेमानंद महाराज का वृंदावन में क्यों हो रहा विरोध, रात की पदयात्रा क्यों करनी पड़ी बंद, जानिए पूरा मामला

WD Feature Desk
शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025 (18:07 IST)
Premanand Maharaj Radha Kelikunj Padyatra: मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज को लेकर हाल ही में एक विवाद सामने आया है। स्थानीय लोगों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई है। आइए जानते हैं कि आखिर इस विवाद की शुरुआत कैसे हुई और क्या है पूरा मामला।

विवाद की शुरुआत
यह विवाद प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा को लेकर शुरू हुआ। महाराज जी अपने शिष्यों के साथ रात के समय पदयात्रा पर निकलते थे। इस दौरान भजन-कीर्तन और शंखनाद होता था, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी होती थी।

स्थानीय लोगों की शिकायत
स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय होने वाली इस पदयात्रा से उनकी नींद खराब होती है। खासकर बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोगों को काफी परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि इस शोर के कारण उन्हें रात में नींद नहीं आती है और दिन में काम करने में परेशानी होती है।

प्रदर्शन और विरोध

स्थानीय लोगों ने इस समस्या के खिलाफ एकजुट होकर प्रशासन से शिकायत की। उन्होंने डीएम ऑफिस के सामने प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा का विरोध किया।

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प्रशासन का रुख
स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद प्रशासन ने इस मामले पर संज्ञान लिया है। प्रशासन ने प्रेमानंद महाराज से इस मामले पर बात की है और उन्हें रात की पदयात्रा रोकने के लिए कहा है।

दोनों पक्षों की दलीलें
स्थानीय लोगों की दलील: स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें शांति से रहने का अधिकार है और रात के शोर से उनकी नींद खराब होती है।
प्रेमानंद महाराज के समर्थकों की दलील: प्रेमानंद महाराज के समर्थकों का कहना है कि यह उनकी आस्था का मामला है और उन्हें रात में भजन-कीर्तन करने का अधिकार है।

कौन हैं प्रेमानन्द महाराज
संत श्री हरि प्रेमानंद महाराज जो बहुत निर्मल और सरल स्वभाव के संत हैं। वे वृंदावन में ही रहते हैं और उनके भजन एवं सत्संग को सुनने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। उनके दर्शन करने के लिए भी कई बड़े लोग आते रहते हैं। वर्तमान में संतों में उन्हें श्रेष्‍ठ माना जाता है।फिलहाल प्रेमानंदजी महाराज श्रीहित राधा केली कुंज आश्रम में रह रहे हैं। उन्होंने अपना जीवन राधा रानी की भक्ति सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। 

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