नई दिल्ली।तथाकथित गोरक्षकों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 80 प्रतिशत लोग गोरक्षा के नाम पर गोरखधंधा चलाते हैं। सभी ने दुकानें खोल रखी हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले मोदी के गुजरात में गोरक्षा के नाम पर दलित समुदाय के लोगों की पिटाई के मामले में राज्य और केन्द्र सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। इस प्रकरण के बाद सरकार विरोधियों के निशाने पर भी आ गई थी।
अपनी सरकार की ‘माई गवर्नमेंट’ पहल की दूसरी वषर्गांठ के अवसर पर टाउन हॉल स्टाइल संबोधन में मोदी ने गाय की हिमायत करने वालों पर यह तीखी टिप्पणी की। मोदी ने कहा कि इन तथाकथित गोरक्षकों पर गुस्सा आता है। ये गोरक्षक रात में असामाजिक गतिविधियों में संलग्न रहते हैं और दिन में गोरक्षक का चोला पहन लेते हैं। गोरक्षा के नाम पर 80 फीसदी लोगों ने गोरखधंधा चला रखा है। मोदी ने सख्त लहजे में कहा कि राज्य सरकार को ऐसे तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने चाहिए। उन्होंने कहा कि गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी बंद होनी चाहिए। सरकार को ऐसे तत्वों का डोजियर तैयार करना चाहिए।
खुद को गाय का हिमायती बताने वाले लोगों द्वारा दलितों के खिलाफ की गई हिंसा पर पहली बार बयान देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उन्हें ‘असामाजिक’तत्व बताया जो गाय की रक्षा के नाम पर ‘दुकान’ चला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे उन्हें ‘क्षोभ’होता है। उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि तथाकथित गाय रक्षकों पर ‘दस्तावेज’तैयार करें क्योंकि उनमें से 80 फीसदी रात में अवैध गतिविधियां करते हैं और दिन में गाय हिमायती बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का सहायता समूह चलाने का यह मतलब नहीं है कि दूसरों का उत्पीड़न किया जाए।
उत्तरप्रदेश, गुजरात और मध्यप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में गाय रक्षकों द्वारा दलितों और मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को लेकर अपनी सरकार और भाजपा की किरकिरी होने के बाद प्रधानमंत्री का यह बयान आया है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात पर गुस्सा आता है कि लोग गाय की रक्षा के नाम पर दुकान चला रहे हैं। उनमें से अधिकतर असामाजिक तत्व हैं जो गाय रक्षा के नाम पर चेहरा छिपाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं राज्य सरकारों से कहूंगा कि ऐसे लोगों पर दस्तावेज तैयार करें क्योंकि उनमें से 80 प्रतिशत असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त पाए जाएंगे जिसे कोई भी समाज मान्यता नहीं देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गायों का वध किए जाने से ज्यादा संख्या में प्लास्टिक खाने से उनकी मृत्यु होती है। उन्होंने कहा कि जो लोग जानवर की सेवा करना चाहते हैं उन्हें गायों को प्लास्टिक खाने से रोकना चाहिए क्योंकि वह बड़ी सेवा होगी। मोदी ने गाय सेवा के लिए किए गए कार्यों को याद करते हुए कहा कि गाय के लिए आयोजित स्वास्थ्य शिविर में एक गाय के पेट से दो बाल्टी प्लास्टिक निकला। (वेबदुनिया/ भाषा)