इमरजेंसी की बरसी पर पीएम मोदी ने किया ट्वीट, कही यह बड़ी बात

Webdunia
मंगलवार, 25 जून 2019 (10:37 IST)
नई दिल्ली। भारतीय लोकतंत्र में 25 जून को एक काले दिन के तौर पर याद किया जाता है। आज ही के दिन 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी का ऐलान किया था। आज देश के लोकतंत्र में लगे आपातकाल की घटना को पूरे 44 साल हो गए हैं। आपातकाल के 44 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोदी सरकार के मंत्री ट्‍वीट कर रहे हैं।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो क्लिप डालकर इमरजेंसी को याद किया। प्रधानमंत्री द्वारा ट्विटर पर शेयर किए वीडियो में संसद के भाषण की एक क्लिप को भी दिखाया गया है। प्रधानमंत्री ने ट्‍वीट में लिखा है कि भारत उन सभी महानुभावों को सलाम करता है जिन्होंने आपातकाल का जमकर विरोध किया। भारत का लोकतांत्रिक लोकाचार एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक हावी रहा।
 
 
देशवासियों से उनके मूलभूत अधिकार छीन लिए गए, अखबारों पर ताले लगा दिए गए। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर लिखा कि इस दिन को देश संस्थानों की अखंडता बनाएर रखने के तौर पर याद रखें।

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र पर एक काला धब्बा करार देते हुए ट्वीट किया कि वर्ष 1975 में, आज के दिन निहित राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा की गई आपातकाल की घोषणा, भारत के महान लोकतंत्र पर काला धब्बा है। मैं नमन करता हूं, उन सत्याग्रहियों को जिन्होंने मजबूती से इस अंधकाल में लोकतंत्र की आग को जलाए रखा था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

OYO ने बदली पॉलिसी, अब ऐसे लोगों को नहीं मिल सकेंगे रूम्स, जानिए क्यों उठाया ऐसा कदम

जैविक मां को ढूंढने स्पेन से भारत आई युवती, पढ़िए पूरी कहानी

MP : रतलाम में ई-बाइक चार्जिंग के दौरान ब्लास्ट, 11 साल की मासूम की मौत, 2 अन्य झुलसे

आतिशी ने तो अपना बाप ही बदल दिया, रमेश बिधूड़ी का एक और विवादित बयान

अरविंद केजरीवाल ने कहा- PM मोदी ने दिल्‍ली सरकार को गालियां दीं, सुनकर बुरा लगा, लोग करारा जवाब देंगे

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: दिल्ली चुनाव की तारीखों का एलान आज

7.1 तीव्रता का भूकंप से थर्राया नेपाल, बिहार से लेकर सिक्किम तक डोली धरती

दिल्ली में बारिश से बढ़ी ठंड, हिमाचल में बर्फबारी, कश्मीर में बढ़ा रात का तापमान

12 साल पहले जर्मनी क्यों नहीं जा सका यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा?

HMPV वायरस से किसको सबसे ज्यादा खतरा और क्या है उपचार?

अगला लेख