नई दिल्ली। राम मंदिर मामले में अध्यादेश से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को कटाक्ष किया और कहा कि यह बात साफ हो गई है कि मोदी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की बात नहीं मानते।
पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने अपनी टिप्पणी से अयोध्या मामले को लेकर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 'हमारा यह मानना है कि राम मंदिर मुद्दे पर जो निर्णय न्यायालय से आएगा, वह सब पक्षों को मानना चाहिए और सरकार को उसको लागू करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। परंतु मोदीजी ने यह कहकर तो उसको भी पचड़े में डाल दिया कि निर्णय के बाद भी अध्यादेश लाएंगे।
उन्होंने कहा कि 'इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने आरएसएस एवं भाजपा की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि एक बात और साफ हो गई कि न वे मोहन भागवत जी की बात मानते हैं और न भाजपा नेताओं की और न किसी और व्यक्ति विशेष की। मुझे उम्मीद है कि उनकी पार्टी के लोगों को अब ये बात समझ आ गई होगी।
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा कि राम मंदिर को लेकर जब तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है तब तक अध्यादेश लाने का विचार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के वकील उच्चतम न्यायालय में राम मंदिर मुद्दे पर सुनवाई में बाधा पैदा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद आरएसएस ने कहा कि मोदी इस सरकार के कार्यकाल में ही मंदिर का वादा पूरा करें ऐसी भारत की जनता की अपेक्षा है। (भाषा)