प्रियंका गांधी कांग्रेस की नई संकटमोचक, मां सोनिया की तरह पार्टी की सत्ता में कराएगी वापसी?

विकास सिंह
गुरुवार, 28 नवंबर 2024 (12:50 IST)
“मैं प्रियंका गांधी वाड्रा...जो लोक सभा की सदस्य निर्वाचित हुई हूं, सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करती हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगी। मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगी तथा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाली हूं, उसके कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूंगी। जय हिंद”

केरल की वायनाड से प्रचंड जीत हासिल कर लोकसभा पहुंची प्रियंका गांधी ने गुरुवार को सदन की शपथ ले ली। हाथ में संविधान की प्रति लेकर संसद की सदस्यता की शपथ लेने वाली प्रियंका गांधी ने पहले दिन से अपने तेवर साफ कर दिया है। यह पहला मौका है कि राहुल और प्रियंका लोकसभा में और सोनिया गांधी राज्यसभा में पार्टी का नेतृत्व करेगी। सदन की सदस्यता की शपथ लेते हुए प्रियंका गांधी ने जिस अंदाज में संविधान की लाल किताब पकड़ी हुई थीं, उससे यह साफ है कि आने वाले वाली राहुल-प्रियंका की जोड़ी संसद मे मोदी सरकार के लिए तगड़ी चुनौती पेश करेगी।

कांग्रेस की नई संकटमोचक प्रियंका गांधी?-पहले हरियाणा और फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस  को हार का सामना करना पड़ा है उससे एक बार भाजपा को राहुल गांधी पर हमला करने का मौका मिल गया है। संसद के सत्र के पहले दिन जिस अंदाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना राहुल का नाम लिए हुए कहा कि जनता के नकारे हुए लोग संसद में हंगामा करते है, वह सीधे तौर पर राहुल गांधी पर ही तंज था। वहीं भाजपा पूरी ताकत से इस बात को साबित करने में जुटी है कि राहुल गांधी को देश की जनता ने चुनाव-दर-चुनाव नकार दिया है।

भाजपा ने राहुल गांधी को एक असफल नेता साबित कर दिया है लेकिन प्रियंका गांधी के ऊपर ऐसी कोई चीज़ नहीं है। ऐसे में अब प्रियंका गांधी की चुनावी राजनीति में एंट्री के साथ उनकी संसदीय पारी का आगाज  कांग्रेस संगठन में नई जान फूंक सकता है।  दरअसल प्रियंका गांधी लंबे समय से कांग्रेस पार्टी के संकट मोचक की भूमिका निभाती आई है। प्रियंका गांधी ने जिस अंदाज में उत्तर प्रदेश में सड़क पर उतकर भाजपा सरकार को चुनौती दी उसका असर लोकसभा चुनाव में भी दिखाई पड़ा और कांग्रेस ने सपा के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश भाजपा को पीछे छोड़ दिया।

प्रियंका गांधी भले ही पिछले लंबे समय से कांग्रेस की स्टार प्रचारक और महासचिव रही हैं लेकिन संसदीय राजनीति में उन्होंने अब एंट्री की है। प्रियंका गांधी की संसदीय राजनीति में एंट्री के साथ ही कांग्रेस को सदन में एक नई ताकत मिल गई है।

मोदी सरकार के खिलाफ अक्रामक प्रियंका गांधी-आज संसद में जिस अंदाज में प्रियंका गांधी ने संविधान की कॉपी हाथ में लेकर शपथ ली है, उससे यह साफ है कि प्रियंका गांधी अब संसद में सामने आकर मोदी सरकार को सीधे चुनौती देगी। प्रियंका गांधी का यह अंदाज चुनाव हार के भंवर में फंसी कांग्रेस को जीत की चुनौती नैय्या पर सवार कर सकती है।

राहुल के मुकाबले प्रियंका गांधी की राजनीति कई मायनों में अलग है। प्रियंका गांधी अपनी सरलता और बेधड़क अंदाज से लोगों से तुरंत कनेक्ट कर लेती हैं। प्रियंका गांधी ने ऐसे समय अपनी संसदीय पारी का आगाज किया है जब देश में महिलाएं राजनीति के केंद्र में है और वह चुनाव में जीत के लिए ट्रंप कार्ड  साबित हो रही है। ऐसे में महिलाओं के साथ प्रियंका गांधी का सीधा कनेक्ट कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हो सकता है।

प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी का अक्स-आज संसद में प्रियंका गांधी जिस तरह नजर आई उससे लोगों के जेहन में इंदिरा गांधी की छवि ताजा हो गई। आज केरल की ट्रेड्रिशनल कासव साडी पहनकर संसद पहुंची प्रियंका गांधी में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि देखते है। प्रियंका गांधी आज कांग्रेस का भीड़ को आकृषित करने वाला सबसे बड़ा चेहरा है।

प्रियंका गांधी ने जब यूपी चुनाव में “लड़की हूं लड़ सकती हूं” का नारा दिया तो उन्होंने महिलाओं के बीच अपनी एक अलग जगह बना ली। देश में जो 30- 40 साल से ऊपर की महिलाएंहैं वे प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी का रूप देखती हैं। प्रियंका गांधी अपनी दादी इंदिरा गांधी की तरफ अक्रामक राजनीति में विश्वास करती है और वह जिस अंदाज में भाजपा पर हमला बोल रही है उससे वह अपने समर्थकों में खासा लोकप्रिय हो रही है।

प्रियंका गांधी के सामने चुनौती?-भारत के संसदीय इतिहास में यह पहला मौका है जब गांधी परिवार के एक साथ तीन सदस्य संसद में है। ऐसे में भाजपा परिवारवाद को लेकर अब गांधी परिवार पर और मुखर होगी। वहीं प्रियंका गांधी के सामने पार्टी के कैडर को फिर से खड़ा करना एक बड़ी चुनौती होगी। पार्टी के बड़े नेताओं के साथ चुनाव दर चुनाव हार से पार्टी के कार्यकर्ता मायूस होकर पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं या छोड़ चुके है। ऐसे में प्रियंका के सामने चुनौती पूरे देश में पार्टी के कैडर को फिर से खड़ा करना जिससे कि वह भाजपा का सामना कर सके। बहराल राहुल गांधी इस काम में पूरी तरह असफल ही दिखाई दिए है। 

दो दशक से अधिक समय तक कांग्रेस की अध्यक्ष रही  सोनिया गांधी ने 1998 में पहली बार पार्टी की कमान संभाली थी, तब कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही थी। सोनिया गांधी के नेतृत्व में ही कांग्रेस पार्टी ने 2004 से लेकर 2014 तक केंद्र की सत्ता में काबिज हुई थी। ऐसे में अब कांग्रेस को प्रियंका गांधी में नई उम्मीद और राह दिखाई दे रही है और देखना होगा क्या प्रियंका गांधी कांग्रेस की सत्ता में वापसी करा पाएगी।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Maharashtra : शिंदे ने शंकाओं को किया दूर, देवेंद्र फडणवीस का रिएक्शन आया सामने

संभल हिंसा को लेकर पुराना वीडियो वायरल, गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर

मजाक बनकर रह गई प्रक्रिया, वक्फ बोर्ड संसदीय समिति से बाहर निकले विपक्षी सांसद, 1 घंटे बाद वापस लौटे

PAN 2.0 Project : कैसे बनेगा नया पैन कार्ड, कितनी लगेगी फीस, आखिर सरकार क्यों लाना चाहती है नया प्रोजेक्ट, सारे सवालों के जवाब

CM of Maharashtra : कैसे मान गए शिंदे, इतनी आसानी से क्यों दे दी CM की कुर्सी, क्या है पर्दे के पीछे की कहानी

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: केजरीवाल बोले, दिल्ली दुनिया की सबसे असुरक्षित राजधानी, अमित शाह से नहीं संभल रही

प्रियंका गांधी ने हिंदी में सांसद पद की शपथ ली, हाथ में थी संविधान की कॉपी

Jharkhand: एक और श्रद्धा वाकर हत्याकांड, लिव इन पार्टनर के 50 टुकड़े कर दिए, आरोपी गिरफ्तार

आगरा में मेट्रो के लिए सुरंग की खुदाई, 1700 मकानों में दरारें, दहशत में लोग

मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा, क्या बोले कपिल सिब्बल?

अगला लेख