लद्दाख। भारत-चीन बॉर्डर पर चीन की नापाक हरकतों को देखते हुए भारत लद्दाख क्षेत्र के पूर्वी हिस्से के पास अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है। भारत ने पिछले हफ्तों में अपनी अतिरिक्त विमानन इकाइयों को चीन से सटे लद्दाख बॉर्डर पर भेजा है। साथ ही साथ भारत S-400 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों को भी तैनात करने की तैयारी में है।
दोनों देशों के मध्य हाल ही में हुई कोर कमांडर स्तर की बैठकों के बाद भी चीनी लड़ाकू जेट भारतीय सैनिकों को परेशान करने में लगे हुए हैं। चीनी जेट्स को कई बार वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के काफी करीब उड़ान भरते देखा गया है। पिछले तीन से चार हफ्तों में, चीनी लड़ाकू विमान नियमित रूप से LAC के पास उड़ान भर रहे हैं। अपने इस कदम के माध्यम से चीन लद्दाख क्षेत्र की भारतीय रक्षा प्रणाली का परीक्षण करने की कोशिश कर रहा है।
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि जब भी चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लड़ाकू विमान लद्दाख सीमा के करीबी इलाकों में देखे जाते हैं, तो भारतीय सेना तुरंत एक्शन में आकर मुंहतोड़ जवाब देती है। इसके अलावा भारतीय वायु सेना ने हाल ही में फ्रांस से खरीदे गए नवीनतम मल्टी-पर्पस कॉम्बैट एयरक्राफ्ट राफेल को लद्दाख की पूर्वी बॉर्डर के पास तैनात किया है।
इसी बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में सूचित किया कि भारत ने चीन, पाकिस्तान, म्यांमार और बांग्लादेश तक हर मौसम में मदद पहुंचाने के उद्देश्य से 5 वर्षों में सड़क निर्माण पर करीब 20,700 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। रक्षा राज्य मंत्री ने सड़क की लंबाई का विवरण देते हुए राज्यसभा में कहा कि सरकार ने 15,477.06 करोड़ रुपए की लागत से चीन के साथ सीमा पर 2,088.57 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया।
इसके अलावा पिछले 5 वर्षों में भारत ने पाकिस्तान के साथ सीमा पर 1,336.09 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 4,242.38 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि म्यांमार के साथ सीमा पर 151.15 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 882.52 करोड़ रुपये खर्च किए।