Explainer राफेल की कहानी : जानिए 58 हजार 891 करोड़ रुपए की डील और 36 लड़ाकू जेट्स पर विवादों की 'आंधी'

Webdunia
बुधवार, 29 जुलाई 2020 (08:00 IST)
राफेल का फ्रेंच भाषा में अर्थ तेज हवा का झोंका या आंधी होता है। इस लड़ाकू विमान को खरीदने को लेकर हुई डील ने भारतीय राजनीति में भी जबरदस्त हलचल मचा दी थी।
 
क्षेत्रीय सैन्य संतुलन में अपना पलड़ा भारी रखने के लिए भारत को एक ऐसे मल्टीरोल कॉम्बेट फाइटर की जरूरत थी, जो चीन और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों से ज्यादा ताकतवर और श्रेष्ठ हो।
भारतीय वायुसेना की यह तलाश कई देशों के विमानों की क्षमता और कीमत के अध्ययन के बाद फ्रांसीसी वायुसेना की रीढ़ कहे जाने वाले राफेल पर खत्म हुई।
 
ALSO READ: राफेल : पलक झपकते ही दुश्मनों के ठिकानों को कर देगा तबाह, जानिए अचूक मारक क्षमता
 
दरअसल, यूपीए-2 के कार्यकाल में फ्रांस की दैसो एविएशन से भारत ने 126 राफेल खरीदने की डील की थी। बाद में 2015 में मोदी सरकार ने इस डील को रद्द कर दिया। इस डील के अनुसार पूर्ण रूप से उडने लायक 8 राफेल फाइटर फ्रांस द्वारा भारत भेजे जाएंगे और बाकी के 118 जेट्स भारत में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाए जाएंगे।
ALSO READ: आ रहा है चीन-पाकिस्तान का काल, लड़ाकू विमान राफेल ने फ्रांस से भारत के लिए भरी उड़ान
इसे बदलते हुए सितंबर 2016 में भारत सरकार और फ्रांस की दैसो एविएशन के बीच 58 हजार 891 करोड़ रुपए की डील हुई, जिसमें 36 विमान खरीदने पर मंजूरी बनी।
 
इस डील में राफेल के दो वर्जन, 28 सिंगल-सीटर और 8 डबल-सीटर जेट खरीदे जा रहे हैं। अब इस डील के 67 महीने बाद 5 राफेल भारत को मिल रहे हैं।
क्यों हुआ था विवाद : इस डील में ऑफसेट क्लॉज भी जोड़ा गया है, जिसकी वैल्यू 50% है। यानी, जितने की डील हुई है, उसकी 50 प्रतिशत रकम कंपनी भारत में निवेश करेगी। 
 
हालांकि इसी ऑफसेट क्लॉज की वजह से भारत में राफेल डील को लेकर जमकर विवाद भी हुआ था। कांग्रेस का आरोप था कि मोदी सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी को इस डील में एक ऑफसेट पार्टनर बना दिया, ताकि उन्हें फायदा हो। जबकि, सरकार की तरफ से कहा गया था कि ये दैसो एविएशन का निर्णय था कि वो किसे ऑफसेट पार्टनर चुन रही है।
 
उल्लेखनीय है कि इसके पहले भारतीय वायुसेना को 1997 में रूस से सुखोई 30 मिले थे। जिसके 22 साल बाद अब जाकर भारत को नया फाइटर जेट मिल रहा है। भारत को अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन की बढ़ती सैन्य ताकत से लगातार सतर्क रहना पड़ता है जिससे सेनाओं को अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों की सख्त जरूरत है। 
 
इसके पहले भी भारत, फ्रांस से मिराज-2000 विमान खरीद चुका है जिसने कारगिल की लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाई थी। राफेल को उड़ाने के लिए भारतीय वायुसेना के पायलट्स की ट्रेनिंग भी फ्रांस के उसी मोंट-डे-मार्सन एयरबेस पर हुई है जहां मिराज 2000 की ट्रेनिंग हुई थी। 
 
27 जुलाई की सुबह फ्रांस के मेरिनेक एयरबेस से 5 राफेल फाइटर जेट ने उड़ान भरी और ये विमान 29 जुलाई को हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे। मेरिनेक एयरबेस से अंबाला एयरबेस के बीच 7 हजार किमी की दूरी है। 
 
बिना रुके हवा में रिफ्यूलिंग : राफेल बिना रुके हवा में ही रिफ्यूलिंग में सक्षम है। फ्रांस से उड़ान भरने के बाद पहले चरण में फ्रांस की वायुसेना ने हवा में रीफ्यूलिंग की। लेकिन, उसके बाद भारतीय वायुसेना का आईएल-78 एयर रिफ्यूलर राफेल में फ्यूल भरेगा। 
 
क्या है खासियत राफेल की : राफेल के दो उन्नत संस्करण है, राफेल डीएच (टू-सीटर) और राफेल ईएच (सिंगल सीटर), दोनों ही ट्विन इंजन, डेल्टा-विंग, सेमी स्टील्थ कैपेबिलिटी के साथ चौथी जनरेशन का विमान माने जाते हैं। यह परमाणु हमले में सक्षम विमान है। राफेल एक मिनट में 60,000 फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। ऊंचे इलाकों में राफाल की उच्चतम रफ्तार 2130 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है। यह विमान एक बार में 3700 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय कर सकता है। 
 
इस विमान में आरबीई 2 एए एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) राडार लगा है, जो लो-ऑब्जर्वेशन टारगेट को पहचानने में मदद करता है। इसमें आसानी से जाम न होने वाला सिंथेटिक अपरचर राडार (SAR) भी है। 
 
आने वाले 5 राफेल भारत की 17वीं स्क्वाड्रन गोल्डन एरोज में शामिल हो अम्बाला एयरबेस पर तैनात होंगे। यह राफेल की पहली स्क्वाड्रन होगी। 
 
राफेल के बारे में अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

सिंहस्थ से पहले उज्जैन को मिली 592 करोड़ की सौगात, CM यादव ने किया मेडिसिटी और मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन

LIVE: गुयाना की संसद के विशेष सत्र में बोले PM मोदी- 'यह पसीने और परिश्रम का है रिश्ता'

Delhi Pollution : दिल्ली में बढ़ी CNG और BS-6 वाहनों की मांग

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

Delhi Pollution : केंद्रीय कर्मचारियों की ऑफिस टाइमिंग बदली, प्रदूषण के चलते नई एडवाइजरी जारी

अगला लेख