अयोध्या। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष और हनुमानगढ़ी के महंत ज्ञानदास ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को शुक्रवार को प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया।
गांधी से करीब 20 मिनट अकेले कमरे में बात करने के बाद ज्ञानदास ने फोन पर बताया कि मैने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने के आशीर्वाद दिया और उनसे कहा कि आप प्रधानमंत्री बनें और यहां के मंदिर-मस्जिद विवाद का हल करें। मैंने उनसे कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद राजनीतिक कारणों से काफी बढ़ गया। आप इस पर गौर करें। मेरा आशीर्वाद है कि आप प्रधानमंत्री बनकर इस विवाद को हल करने में सफल हों।
ज्ञानदास ने कहा कि करीब 20 मिनट उनसे हुई एकांत में बातचीत काफी महत्वपूर्ण थी। उन्होंने मेरी बातों को सुना। कुछ पर चुप्पी साधी, लेकिन कई का जवाब दिया। बातचीत का पूरा ब्योरा तो ज्ञानदास ने नहीं दिया, लेकिन कहा कि राहुल गांधी अच्छे व्यक्ति हैं और उनमें सुनने का माद्दा है।
उन्होंने कहा कि वह अयोध्या में एक मस्जिद की मरम्मत करा रहे हैं। मस्जिद हनुमानगढ़ी की सम्पत्ति है। गांधी को जब इसकी जानकारी दी गई तो वह काफी खुश हुए और कहा कि देश की असली संस्कृति यही है। एक साधु स्थानीय मुस्लिमों से मिलकर मस्जिद की मरम्मत करा रहा है इससे ज्यादा सुकून देने वाली बात और क्या हो सकती है। इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष ने हनुमानगढ़ी में हनुमानजी के दर्शन किए।
रामलला के दर्शन बिना हनुमानगढ़ी में दर्शन अधूरा : राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने शुक्रवार को कहा कि रामलला के दर्शन के बिना गांधी का हनुमानगढ़ी मंदिर में माथा टेकना अधूरा दर्शन माना जाएगा।
विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर का दर्शन करने से पहले रामलला का दर्शन करना चाहिए था क्योंकि बिना रामलला के दर्शन के हनुमानगढ़ी का दर्शन अधूरा माना जाता है। गांधी के रामलला पर शीश झुकाए बिना उनकी मनोकामना भी अधूरी रह जाएगी। (वार्ता)