क्या PM मोदी LIC को हुए नुकसान की सचाई बताएंगे? देश का कितना नुकसान हुआ : राहुल गांधी ने पूछे ताबड़तोड़ सवाल

Webdunia
बुधवार, 1 मार्च 2023 (19:21 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को आरोप लगाया कि अडाणी समूह को बचाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को जबरदस्ती निवेश करवाया गया और आम लोगों की बचत को खतरे में डाला गया। उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और आरबीआई को उद्योगपति गौतम अडाणी (Gautam Adani) के समूह में निवेश का आदेश दिया गया था और यह आदेश किसने दिया था?
 
राहुल गांधी ने अपनी वीडियो सीरीज ‘मित्रकाल, भाग दो आपका पैसा, अडाणी पर लुटाया’ के तहत एक वीडियो जारी कर कहा कि एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक है। 
 
क्या अडाणी समूह को बचाने के लिए एलआईसी और एसबीआई को आदेश दिया गया? एलआईसी ने खतरों से भरे अडाणी समूह में इतना बड़ा निवेश क्यों किया? जब इन बातों से पर्दा उठेगा तो पता चलेगा कि देश का कितना नुकसान हुआ है।’’
 
उन्होंने कहा कि एसबीआई में आपकी (जनता) मेहनत की कमाई और आपके परिवार तथा बच्चों के भविष्य के लिए बचत रखी है। सवाल यह है कि आपके पैसे को खतरे में कौन डाल रहा है?
 
उन्होंने आरोप लगाया कि अडाणी समूह को बचाने के लिए एलआईसी और एसबीआई से जबरदस्ती निवेश करवाया गया।
गांधी ने कहा कि क्या आप अपने बच्चों के भविष्य को खतरे में डालना चाहते हैं? मेरा सवाल आप लोगों से है कि अडाणी समूह को बचाने के लिए आपके पैसे क्यों लगाये जा रहे हैं?
 
उन्होंने यह भी पूछा कि निजी क्षेत्र के कोष ने अडाणी समूह में पैसे क्यों नहीं लगाए? क्या यह सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य नहीं है कि एलआईसी में लगा जनता का पैसा सुरक्षित रहे?
 
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री 24 जनवरी, 2023 से अडाणी समूह में निवेश से हुए एलआईसी को हुए नुकसान की सच्चाई बताएंगे? अडाणी समूह में निवेश करने वाले खुदरा निवेशकों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री क्या कर रहे हैं?
 
उन्होंने दावा किया कि अडाणी समूह के खिलाफ धनशोधन, जालसाजी और मुखौटा (शेल) कंपनियों के उपयोग के आरोप लंबे समय से लगते आ रहे हैं।
 
गांधी ने पूछा कि इन शेल कंपनियों के पीछे कौन है? अडाणी समूह को बचाने के लिए एसबीआई और एलआईसी को आदेश किसने दिया?
 
वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए थे। अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है। भाषा Edited By : Sudhir Sharma

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