जब RSS प्रमुख मोहन भागवत कहते हैं कि हिंदुस्तान को आज़ादी 1947 में नहीं मिली, तब वह संविधान को नकारते हैं।
वो संविधान की सोच को,
गांधी जी की सोच को,
अंबेडकर जी की सोच को
बुद्ध भगवान की सोच को,
फुले जी की सोच को मिटाने लगे हैं। pic.twitter.com/jqY4Pcib5O