राहुल गांधी बोले- लोकतांत्रिक देश नहीं रहा भारत, BJP का पलटवार- बोरिया-बिस्तर उठाकर चले जाएं नानी के घर

Webdunia
गुरुवार, 11 मार्च 2021 (20:36 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वीडन की एक संस्था की रिपोर्ट का हवाला देते हुए गुरुवार को दावा किया कि भारत अब लोकतांत्रिक देश नहीं रहा। उन्होंने ट्विटर पर एक खबर टैग करते हुए ट्वीट किया कि भारत अब लोकतांत्रिक देश नहीं रहा। इस बयान को लेकर भाजपा ने पलटवार किया है।
 
कांग्रेस नेता ने जिस खबर का उल्लेख किया उसमें कहा गया है कि स्वीडन के ‘वी-डेम इंस्टीट्यूट’ की लोकतंत्र से संबंधित रिपोर्ट में भारत के ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र’ से ‘चुनावी निरंकुशता’ में तब्दील हो जाने का दावा किया गया है।
 
इस रिपोर्ट से कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी संस्था ‘फ्रीडम हाउस’ की रिपोर्ट में भारत को ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ देश बताया गया था। सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि यह ‘गुमराह करने वाली’, ‘असत्य’ और ‘आधारहीन’ है तथा भारत में अच्छे ढंग से स्थापित लोकतांत्रिक परंपराएं हैं।
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पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यदि राहुल गांधी को लगता है कि अब हिन्दुस्तान लोकतांत्रिक देश नहीं है और पाकिस्तान बन गया है तो वे आजाद हैं, बोरिया-बिस्तर उठा कर अपनी नानी के घर जाएं और वहा से चुनाव लड़ें। 
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पिछले महीने जब राहुल गांधी दिन दिवसीय दौरे पर तमिलनाडु गए थे, उस समय उन्होंने यह कहा था कि लोकतंत्र खत्म हो चुका है।
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India is no longer a democratic country. pic.twitter.com/iEwmI4ZbRp

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 11, 2021 >उन्होंने कहा था कि इन सभी संस्थाओं पर देश टिका है, लेकिन पिछले 6 सालों से उन सभी संस्थाओं पर व्यवस्थित तरीके से हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने इसके आगे कहा था कि आरएसएस की इस कार्यशैली से देश का संतुलन खत्म हो रहा है।
सफाई कर्मचारियों की मौत को लेकर सवाल : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीवर टैंक की सफाई के दौरान सफाईकर्मियों की मौत से जुड़ा आंकड़ा राज्यसभा में सरकार की ओर से पेश किए जाने के बाद गुरुवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार 2013 में बने मैला ढोने रोधी कानून का क्रियान्वयन करने में बुरी तरह विफल रही।
 
उन्होंने ट्वीट किया कि यह दिखाता है कि सरकार मैला ढोने विरोधी कानून-2013 को लागू करने में बुरी तरह विफल रही। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए अतिसक्रिय कदम उठाने की जरूरत है कि हमारे नागरिकों और हमारी सामूहिक राष्ट्रीय अंतरात्मा का अब आगे अपमान नहीं हो।
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गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार को बताया कि 2015 से 2019 के बीच देश में सीवर टैंक की हाथ से सफाई करने के दौरान 389 लोगों की मौत हो गई। गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार को बताया कि 2015 से 2019 के बीच देश में सीवर टैंक की हाथ से सफाई करने के दौरान 389 लोगों की मौत हो गई।
 
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीवर और सेप्टिक टैंक की खतरनाक ढंग से सफाई करने के कारण हुई इन मौतों को लेकर 266 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। (इनपुट भाषा)

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