मोदी सरकार ने न तो देश से वफादारी निभाई और न ही जनता से : राहुल गांधी

Webdunia
गुरुवार, 9 जून 2022 (17:11 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महंगाई को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने न तो देश से वफ़ादारी निभाई, न ही जनता से।

उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, वफ़ादारी और अदाकारी में फर्क है। मोदी सरकार ने न तो देश से वफ़ादारी निभाई, न ही जनता से। मैं बात कर रहा हूं महंगाई की। अगर आपको लग रहा है कि महंगाई आगे चलकर कम हो जाएगी, तो आप ग़लतफहमी में हैं। आने वाले दिनों में मोदी सरकार के नए प्रहार के लिए तैयार हो जाइए।

राहुल गांधी ने कहा, आरबीआई ने रेपो रेट में 0.5 प्रतिशत का इज़ाफ़ा किया है, जो अब बढ़कर 4.9 प्रतिशत हो गया है। आरबीआई के अनुसार 2022-23 में महंगाई और ज़्यादा बढ़ने वाली है, वहीं खुदरा महंगाई 6.7 प्रतिशत रहने वाली है।

उन्होंने दावा किया, सरकार की गलत आर्थिक नीतियों ने आम जनता पर महंगाई का ऐसा बोझ डाला है कि अब लोगों के बर्दाश्त से बाहर हो रहा है। होम, ऑटो, पर्सनल लोन और मासिक किस्त महंगी होंगी। कांग्रेस नेता ने सवाल किया, मध्यमवर्गीय और नौकरी-पेशा लोग कहां जाएं और अपना परिवार कैसे पालें?(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर होगी शुरू, चीन के साथ विमान सेवा पर भी बनी सहमति

Gold Rate : सोना क्‍या और बढ़ेगा, कहां तक जाएगा, अभी खरीदना कितना सही, जानिए सवालों के जवाब

Indian Economy : भारतीय अर्थव्यवस्था 3 साल में जर्मनी और जापान को छोड़ देगी पीछे, नीति आयोग के सीईओ ने जताया अनुमान

Gold : तमिलनाडु के 21 मंदिरों ने क्यों पिघला दिया 1,000 किलो सोना

SC की इस टिप्‍पणी पर भड़के उपराष्‍ट्रपति धनखड़, बोले- अदालतें आदेश नहीं दे सकतीं, यह लोकतंत्र के खिलाफ

सभी देखें

नवीनतम

कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर होगी शुरू, चीन के साथ विमान सेवा पर भी बनी सहमति

Gold Rate : सोना क्‍या और बढ़ेगा, कहां तक जाएगा, अभी खरीदना कितना सही, जानिए सवालों के जवाब

Indian Economy : भारतीय अर्थव्यवस्था 3 साल में जर्मनी और जापान को छोड़ देगी पीछे, नीति आयोग के सीईओ ने जताया अनुमान

Gold : तमिलनाडु के 21 मंदिरों ने क्यों पिघला दिया 1,000 किलो सोना

SC की इस टिप्‍पणी पर भड़के उपराष्‍ट्रपति धनखड़, बोले- अदालतें आदेश नहीं दे सकतीं, यह लोकतंत्र के खिलाफ

अगला लेख