पहलवानों से 'दंगल' करने पहुंचे राहुल गांधी, बजरंग पुनिया संग खाया देसी खाना, क्‍या हैं राजनीतिक मायने

Webdunia
बुधवार, 27 दिसंबर 2023 (13:49 IST)

बता दें कि हाल ही में भारतीय कुश्ती महासंघ को लेकर विवाद चल रहा है। कुछ पहलवानों ने अपने पदक लौटाए हैं। पिछले सप्ताह डब्ल्यूएफआई के चुनाव में संजय की जीत के विरोध में बजरंग ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस लौटा दिया था।

इसके बाद भारतीय कुश्ती महासंघ की नई गठित समिति को भी भंग किया गया था। ऐसे में राहुल गांधी का झज्‍जर पहुंचकर पहलवानों से मिलने के पीछे राजनीतिक समीकरण भी तलाशे जा रहे हैं।

पहलवानों से जाना कैसे होती है तैयारी : राहुल गांधी कई घंटों तक अखाड़े में ही रुके रहे। इस दौरान उन्होंने पहलवानों के रोज के रूटीन को जाना और जाना कि वे कैसे और कितनी देर व्‍यायाम आदि करते हैं।

बजरंग पुनिया के साथ कुश्‍ती : राहुल को पहलवान बजरंग पूनिया के साथ कुश्ती लड़ते हुए भी देखा गया। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि उन्होंने एक्सरसाइज भी की। पहलवान भी राहुल से मिलकर खुश नजर आए। हालांकि, इन सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि राहुल ने वहां देसी खाने का जायका भी लिया।

पहलवानों के साथ खाया देसी खाना : पहलवानों के मुताबिक राहुल गांधी अचानक ही यहां पहुंचे थे। राहुल सुबह 6.15 बजे ही अखाड़े में पहुंच गए थे। उन्होंने पहलवानों से दिनचर्या के बारे में पूछा, देखा कि हम कैसे व्यायाम करते हैं और उन्होंने भी कुछ व्यायाम किए। पहलवानों ने बताया कि हमें खुशी है कि उन्हें कुश्‍ती के बारे में काफी
जानकारी है। ओलंपिक पदक विजेता पूनिया ने बताया कि राहुल ने दूध, बाजरे की रोटी और साग खाया। उनको स्थानीय रूप से उगाई गई कुछ सब्जियां दी गईं, जिन्हें वह अपने साथ ले गए।

राहुल ने क्‍या लिखा एक्‍स पर : गांधी ने बाद में अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पूछा कि अगर ‘भारत की बेटियों’ को अपने अधिकारों और न्याय के लिए सड़कों पर उतरने के लिए अपना अखाड़ा छोड़ना पड़ता है तो क्या माता-पिता अपने बच्चों को कुश्ती खेलने के लिए भेजेंगे। उन्होंने एक्स पर लिखा,‘वर्षों की जी तोड़ मेहनत, धैर्य एवं अप्रतिम अनुशासन के साथ अपने खून और पसीने से मिट्टी को सींच कर एक खिलाड़ी अपने देश के लिए मेडल लाता है’

गांधी ने कहा,‘सवाल सिर्फ एक है- अपने अखाड़े की लड़ाई छोड़ अगर इन खिलाड़ियों, भारत की बेटियों को अपने हक और न्याय की लड़ाई सड़कों पर लड़नी पड़े तो कौन अपने बच्चों को यह राह चुनने के लिये प्रोत्साहित करेगा’
उन्होंने आगे लिखा,‘यह किसान परिवार के निश्छल, सीधे एवं सरल लोग हैं, इन्हें तिरंगे की सेवा करने दीजिए। इन्हें पूरे मान और सम्मान के साथ भारत का सर गौरव से ऊंचा करने दीजिए’

विवाद के बीच मुलाकात के मायने : दरअसल, राहुल गांधी और पहलवानों के बीच ऐसे समय पर मुलाकात हुई है, जब भारतीय कुश्ती महासंघ विवादों में घिरी हुई है। संजय सिंह को कुश्ती संघ का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्होंने जूनियर नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता के आयोजन का ऐलान किया। इसे लेकर खेल मंत्रालय ने न सिर्फ कुश्ती संघ की नई संस्था को रद्द कर दिया, बल्कि संजय सिंह को भी सस्पेंड कर दिया। संजय सिंह बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं। बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। ऐसे में राहुल गांधी के पहलवानों से मुलाकात के राजनीतिक मायने भी तलाशे जा रहे हैं। हो सकता है आने वाले दिनों में कोई पहलवान कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड ले।
Edited by navin rangiyal

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