रेल टिकट कैंसलेशन के नाम पर जनता को लूट रहा है रेलवे

Webdunia
रविवार, 23 अप्रैल 2017 (21:59 IST)
मुंबई। रेलवे 'रेल टिकट' कैंसलेशन के नाम पर जनता की मेहनत की कमाई लूट रहा है। 240 से लेकर 60 रुपए तक तो वेटिंग 'रेल टिकट' कैंसलेशन के चार्ज है, जो कि 4 महीने तक जनता के मेहनत का पैसा रेलवे उपयोग करती है और बाद में भी टिकट वेटिंग होने पर उसमे भी पैसा काट लेती है। उसके बाद भी वेटिंग टिकट कैंसल करने में टाइम के हिसाब से वापस ना कर पाने पर 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत या 100 प्रतिशत काट लेती है।
इसका सबसे ज्यादा नुकसान खासकर काउंटर टिकट निकालने वाली अशिक्षित गरीब जनता का हो रहा है, जिसे पढ़ना लिखना नहीं आता है। और जब जनता काउंटर से वेटिंग टिकट लेगी तो चार्ट बनने तक जरूर इंतज़ार करेगी और यदि चार्ट बनने के बाद वेटिंग टिकट कैंसिल करेगी तो उसका 50 प्रतिशत जरूर कट जाएगा। और इस तरह रेलवे हर काउंटर वेटिंग टिकट वालों को लूट रही है। 
 
यानी जनता का पैसा 4 महीने इस्तेमाल रेलवे कर रही है और उसके बाद चार्ट बनने तक इंतज़ार करने पर टिकट का 50 प्रतिशत भी काट लेगी और यदि आप दूरदराज गांव या दूर शहर में रहते हैं और स्टेशन पहुंचने में देर होगी और ट्रेन छूटने का टाइम हो गया तो टिकट का 100 प्रतिशत डूब जायगा। यानी आप 4 महीने पहले रेलवे को पैसा देकर वेटिंग टिकट ले लो और टिकट वेटिंग रह गया और ट्रेन छूटने के समय वापस करने पहुंचे तो बिना यात्रा किए, बिना रिजर्वेशन मिले आपके पैसे डूब जाएगा। रेलवे केवल जनता को लूट रही है और सुविधा कम कर रही है। ऐसा आरोप 'सहयोग ब्रॉडगेज प्रवासी ट्रस्ट' के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो. कलामुद्दीन मंसूरी ने सरकार और रेलवे पर लगाया है।
 
मो. कलामुद्दीन मंसूरी आगे बताया कि जो कि अभी हाल में एक व्यक्ति ने परिवार के साथ जाने के लिए 5 लोगों का वेटिंग टिकट ले लिया और वीआईपी लगवाया और एक ही टिकट कन्फर्म हुआ और वह टिकट कैंसिल करवाने गया तो पता चला कि उसमें से एक भी टिकट कैंसल नहीं हो सकता है और न ही रिफंड मिलेगा और उसका पूरा पैसा डूब गया। आखिर यह कहा का न्याय है? क्या एक टिकट पर सभी आराम से यात्रा कर सकते हैं? यह नियम बदलना चाहिए।
 
'सहयोग ब्रॉडगेज प्रवासी ट्रस्ट' के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो.कलामुद्दीन मंसूरी कहते हैं कि रेलमंत्री सुरेश प्रभु यह कभी नहीं कहते हैं कि रेलवे को भ्रष्टाचार मुक्त या दलालों से मुक्त करेंगे। रेल मंत्रालय के और नेताओं के इतने ज्यादा वीआईपी कोटा आजकल लगता है कि रेलवे कर्मचारियों को यात्रा करना मुश्किल हो रहा है। 
 
रेलमंत्री मंत्री रेलवे को भ्रष्टाचार, दलाल मुक्त करना चाहिए। जनता को लूटने वाले सारे नियम को बदला जाना चाहिए। काउंटर वेटिंग टिकट कैंसल करने का समय ट्रेन जाने के 2 घंटे के बाद तक का किया जाए। क्योंकि आखिरी समय तक लोग ट्रेन में सफर करने की कोशिश करते हैं और कई बार काउंटर पर काफी भीड़ होती है और लोगों का नंबर आने तक समय सीमा समाप्त हो जाती है और टिकट का पूरा पैसा डूब जाता है।
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