मुंबई। आम चुनाव से पुलवामा और पठानकोट आतंकवादी हमलों को जोड़ते हुए महाराष्ट्र नव निर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को कहा कि चुनाव में जीत के लिए पुलवामा की तरह की एक और घटना निकट भविष्य में घट सकती है।
मनसे के 13 वें स्थापना दिवस के मौके पर ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को जवानों का अपमान करार दिया जिसमें उन्होंने कहा कि अगर राफेल विमान होता तो पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी शिविर पर वायु सेना द्वारा 26 फरवरी के एयर स्ट्राइक में और अधिक गोलाबारी हो सकती थी।
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए थे।
ठाकरे ने आरोप लगाया कि पुलवामा हमले से पहले खुफिया एजेंसियों की चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि पुलवामा हमले में 40 जवान शहीद हो गए। क्या हमें सवाल भी नहीं पूछना चाहिए। दिसंबर में, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल बैंकाक में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मिले थे। इस बैठक की पारदर्शिता के बारे में हमें कौन बताएगा।
बालाकोट हमले में मारे गए आतंकवादियों की संख्या बताने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर हमला बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि क्या शाह हवाई हमलों के दौरान सह पायलट थे। ठाकरे ने दावा किया कि भारतीय वायु सेना बालाकोट में निशाना चूक गई क्योंकि मोदी सरकार ने उन्हें गलत सूचना दी थी।
उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री स्वयं कहते हैं कि देश में राफेल जेट होता तो परिणाम और बेहतर होता, यह हमारे जवानों का अपमान है। हवाई हमलों में आतंकवादियों के मारे जाने को विवादित बताते हुए ठाकरे ने कहा कि अगर ऐसा होता तो भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान वापस लौटने की अनुमति कभी नहीं देता।
मनसे प्रमुख ने कहा, 'झूठ बोलने की भी कोई सीमा होती है। चुनाव जीतने के लिए झूठ बोला जा रहा है। चुनाव जीतने के लिए अगले एक दो महीनो में पुलवामा के समान एक और हमला होगा।
भारत और चीन के बीच 2017 में डोकलाम पर चले गतिरोध का हवाला देते हुए ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नागरिकों से कहा था कि वह चीनी उत्पादों से दूर ही रहें हालांकि, वह यह बताने में विफल रहे कि गुजरात में सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा में इस्तेमाल किया गया सामान कहां से आया था।
पठानकोट में 2015 में हुए हमलों को चुनाव से जोड़ते हुए ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दिसंबर में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की थी और उन्हें उनके जन्मदिन पर एक केक दिया था। (भाषा)