सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय को चाहिए 3,50,000 करोड़ रुपए

Webdunia
रविवार, 22 अप्रैल 2018 (17:09 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2020-25 के दौरान आंतरिक सुरक्षा, पुलिस बलों के आधुनिकीकरण और इससे संबंधित अन्य जिम्मेदारियों के लिए 3,50,000 करोड़ रुपए की बजटीय जरूरत बताई है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह को हाल में यह जानकारी दी।
 
 
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने 2020-25 की अवधि के दौरान आंतरिक सुरक्षा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, पुलिस आधुनिकीकरण, सीमा सुरक्षा, आपदा प्रबंधन एवं केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 3,50,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बजटीय जरूरत बताई है। वित्त आयोग को विस्तृत ज्ञापन बाद में सौंपा जाएगा।
 
राजनाथ और एनके सिंह की मुलाकात के दौरान एक प्रस्तुति दी गई जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि लोक व्यवस्था एवं पुलिस राज्य सरकारों की संवैधानिक जिम्मेदारियां होने के बावजूद गृह मंत्रालय की जिम्मेदारियां कई गुना बढ़ गई हैं जिसमें विविध प्रकार की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियां शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि उग्रवाद एवं आतंकवाद, जिनके तार राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े होते हैं, के खतरों से निपटने के लिए राज्यों की क्षमताएं पर्याप्त नहीं हैं।
 
गृहमंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय में अन्य चुनौतियां भी हैं जिनमें लोगों में सुरक्षा की भावना में सुधार लाना, महिलाओं एवं बच्चों जैसे संवेदनशील वर्गों को सुरक्षित महसूस कराना, पुलिस की दक्षता में सुधार लाना, साइबर खतरों से निपटना, तत्काल राहत मुहैया कराना और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पुनर्वास आदि शामिल हैं।
 
गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारों के केंद्रित एवं समन्वित प्रयासों के कारण दूरदराज के क्षेत्रों, पूर्वोत्तर राज्यों एवं वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा की समग्र स्थिति में अहम और निरंतर सुधार आए हैं। इन सफलताओं को बरकरार रखने और नए क्षेत्रों में कामयाबी हासिल करने के लिए लगातार निरंतर प्रयास किए जाने की जरूरत है।
 
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वित्त आयोग को गृह मंत्रालय की ओर से लागू कराई जा रही ऐसी विभिन्न योजनाओं से भी अवगत कराया गया जिनके लिए पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, अपराध एवं अपराधियों का पता लगाने वाले नेटवर्क एवं प्रणाली (सीसीटीएनएस), आव्रजन, वीजा, विदेशी पंजीकरण एवं ट्रैकिंग (आईवीएफआरटी), तटीय सुरक्षा, सीमा पर बुनियादी ढांचे, एकीकृत जांच चौकियों जैसे निरंतर बड़े व्यय की जरूरत होती है।
 
उन्होंने कहा कि आयोग को बताया गया कि साइबर सुरक्षा, सीमा प्रबंधन आदि की खातिर नई प्रौद्योगिकियों के उचित इस्तेमाल के लिए और बड़े निवेश करने की जरूरत है। (भाषा)

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