आंतरिक सुरक्षा के लिए 25 हजार करोड़

Webdunia
बुधवार, 27 सितम्बर 2017 (18:25 IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में आतंरिक सुरक्षा की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए तीन वर्षों में 25 हजार करोड़ से अधिक रुपए की योजना बनाई है, जिसे बुधवार को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक की जानकारी देते हुए गृहमंत्री राजनाथसिंह ने बताया कि देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने और पुलिस के आधुनिकीकरण तथा उग्रवाद और आतंकवाद एवं नक्सल प्रभावित जिलों में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए यह योजना बनाई गई है। इसमें वर्ष 2017-18 से लेकर 2019-20 तक 25060 रुपए खर्च किए जाएंगे। 
 
सिंह ने कहा कि इस योजना के तहत 80 प्रतिशत राशि केंद्र तथा 20 प्रतिशत राज्य सरकारें देंगी। इसके तहत 18 हजार 636 करोड केंद्र तथा राज्य 6424 करोड़ रुपए खर्च करेंगे। उन्होंने बताया कि यह राशि कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, सीमावर्ती इलाकों के लिए हथियारों की खरीद, मोबाइल पुलिस वैन और सुरक्षा सामग्री की खरीद पर खर्च की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर तथा नक्सल प्रभावित 35 जिलों के लिए 11300 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 100 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

राहुल गांधी बोले, वायु प्रदूषण नेशनल इमरजेंसी, बर्बाद कर रही है जिंदगी

LIVE: आसाराम की याचिका पर SC ने गुजरात सरकार से मांगा जवाब

पनडुब्बी से टकराया मछली पकड़ने वाला जहाज, नौसेना ने बचाई 11 की जान

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

हिमाचल के राज्यपाल बोले- धार्मिक स्थलों को पिकनिक स्‍पॉट नहीं समझा जाए

अगला लेख