अयोध्या विवाद : मुस्लिम पक्षकारों का आरोप, हिन्दू पक्ष से नहीं सिर्फ हमसे ही सवाल किए जा रहे हैं

Webdunia
सोमवार, 14 अक्टूबर 2019 (17:40 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में सोमवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों ने आरोप लगाया कि इस मामले में हिन्दू पक्ष से नहीं बल्कि सिर्फ हमसे ही सवाल किए जा रहे हैं।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष 38वें दिन की सुनवाई शुरू होने पर मुस्लिम पक्षकारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने यह टिप्पणी की। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर शामिल हैं।

धवन ने कहा कि माननीय न्यायाधीश ने दूसरे पक्ष से सवाल नहीं पूछे और सारे सवाल सिर्फ हमसे ही किए गए हैं। निश्चित ही हम उनका जवाब देंगे। धवन के इस कथन का रामलला का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने जोरदार प्रतिवाद किया और कहा कि यह पूरी तरह से अनावश्यक है।

धवन ने यह टिप्पणी उस वक्त की, जब संविधान पीठ ने कहा कि विवादित स्थल पर लोहे की ग्रिल लगाने का मकसद बाहरी बरामद से भीतरी बरामदे को अलग करना था। न्यायालय ने कहा कि लोहे की ग्रिल लगाने का मकसद हिन्दुओं और मुसलमानों को अलग-अलग करना था और यह तथ्य सराहनीय है कि हिन्दू बाहरी बरामदे में पूजा-अर्चना करते थे, जहां 'राम चबूतरा', 'सीता रसोई', 'भंडार गृह' थे।

शीर्ष अदालत ने धवन के इस कथन का भी संज्ञान लिया कि हिन्दुओं को सिर्फ अंदर प्रवेश करने और स्थल पर पूजा-अर्चना करने का निर्देशात्मक अधिकार था और इसका मतलब यह नहीं है कि विवादित संपत्ति पर उनका मालिकाना हक था।

पीठ ने सवाल किया कि जैसा कि आपने कहा कि उनके पास प्रवेश और पूजा-अर्चना का अधिकार था, क्या यह आपके मालिकाना अधिकार को कमतर नहीं करता? पीठ ने यह भी कहा कि संपत्ति पर पूर्ण स्वामित्व के मामले में क्या किसी तीसरे पक्ष को प्रवेश और पूजा-अर्चना का अधिकार दिया जा सकता है? संविधान पीठ ने दशहरा अवकाश के बाद सोमवार को 38वें दिन इस प्रकरण पर सुनवाई शुरू की, जो 17 अक्टूबर तक जारी रहेगी।

संविधान पीठ अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि 3 पक्षकारों (सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला) के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भारत कोई धर्मशाला नहीं, लोकसभा में बोले अमित शाह, इमिग्रेशन बिल 2025 पास

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी घुसपैठिए, सब पर लगेगी लगाम, लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया प्लान

Ranya Rao को तीसरी बार झटका, जमानत याचिका नामंजूर, जानिए Gold smuggling case में अब तक क्या-क्या हुआ

Hurun Global rich List : 284 अरबपतियों के पास भारत की GDP का एक तिहाई हिस्सा, मुकेश अंबानी एशिया में सबसे अमीर

क्‍या है सत्‍ता जिहाद जिसे लेकर उद्धव ठाकरे ने साधा पीएम मोदी पर निशाना?

सभी देखें

नवीनतम

ATM से अतिरिक्त निकासी पर शुल्क बढ़ा, जानिए कब से लागू होंगे यह charges

यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पेशकश, NATO को दी चेतावनी

केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए खुशखबरी, केन्द्र सरकार ने बढ़ाया डीए

दो बार डिलीवरी के लिए अस्‍पताल पहुंची प्रसूता, नर्स ने दोनों बार घर भेज दिया, ठेलागाड़ी पर हुई डिलीवरी, बच्‍चे की मौत

पोटाश उर्वरकों पर 37216 करोड़ की सब्सिडी को मंजूरी, PM मोदी की अध्यक्षता में कै‍बिनेट की बैठक में हुआ फैसला

अगला लेख