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RBI मृतकों के खातों और लॉकर के दावों के निपटान के लिए प्रक्रिया को बनाएगा सुगम, जानें क्या होगी प्रक्रिया

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हमें फॉलो करें RBI will streamline the process for settlement of claims of accounts and lockers of the deceased

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मुंबई , बुधवार, 6 अगस्त 2025 (14:33 IST)
RBI News: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक मृतकों के बैंक खातों, लॉकर (bank accounts, lockers) के दावों के निपटान के लिए प्रक्रिया को सुगम और मानकीकृत बनाएगा। इस पहल का उद्देश्य मृत ग्राहकों के नामांकित व्यक्तियों के पक्ष में दावों के निपटान की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
 
मल्होत्रा ने कहा कि इसके अलावा केंद्रीय बैंक, आरबीआई रिटेल-डायरेक्ट मंच की कार्यक्षमता का विस्तार करने की योजना बना रहा है ताकि खुदरा निवेशक व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के माध्यम से ट्रेजरी बिल (सरकारी प्रतिभूति) में निवेश कर सकें। उन्होंने चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि हम मृतकों के बैंक खातों और लॉकर में रखी वस्तुओं से संबंधित दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत करने के लिए कदम उठा रहे हैं। इससे निपटान अधिक सुविधाजनक और सुगम होने की उम्मीद है।ALSO READ: RBI क्यों खरीद रहा भर-भर कर सोना, क्या देश में आने वाला है संकट, जानिए सच
 
नॉमिनी की सुविधा उपलब्ध है : बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों के तहत, जमा खातों, लॉकर में रखी वस्तुओं के संबंध में नॉमिनी की सुविधा उपलब्ध है। आरबीआई के विकासात्मक और नियामक नीतियों पर बयान के अनुसार इसका उद्देश्य ग्राहक की मृत्यु होने पर दावों का शीघ्र निपटान या वस्तुओं की वापसी या सुरक्षित जमा लॉकर की सामग्री को वापस दिलाना तथा परिवार के सदस्यों को होने वाली कठिनाई को कम करना है।
 
मौजूदा निर्देशों के अनुसार बैंकों को नॉमिनी व्यक्ति/कानूनी उत्तराधिकारियों के किए गए दावों के शीघ्र और परेशानी मुक्त निपटान की सुविधा के लिए एक सरलीकृत प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है। वर्तमान में विभिन्न बैंकों में ये प्रक्रियाएं अलग-अलग होती हैं। आरबीआई के अनुसार कि ग्राहक सेवा मानकों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और बैंकों को प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों को मानकीकृत करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में एक परिपत्र का मसौदा जल्द ही सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया जाएगा।ALSO READ: RBI गवर्नर मल्होत्रा बोले- आर्थिक वृद्धि के लिए वित्तीय स्थिरता भी जरूरी
 
सभी बैंकों की अपनी प्रणाली और प्रक्रियाएं : वर्तमान में मृतक के नॉमिनी व्यक्ति द्वारा खाते और लॉकर से संबंधित दावों के संबंध में सभी बैंकों की अपनी प्रणाली और प्रक्रियाएं हैं। इसी प्रकार, बिना नॉमिनी वाले खातों के लिए बैंकों की प्रक्रियाओं में कुछ भिन्नता हो सकती है। इस कदम से प्रक्रिया मानकीकृत और सरल होगी। आरबीआई ने ट्रेजरी बिल (टी-बिल) में निवेश के संबंध में कहा कि इससे निवेशक अपने निवेश की व्यवस्थित योजना बना सकेंगे।ALSO READ: RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हैं चिंतित, जानिए क्या है कारण
 
रिटेल डायरेक्ट में टी-बिलों के लिए एक स्वत: बिडिंग सुविधा शुरू की गई है जिसमें निवेश और पुनर्निवेश दोनों विकल्प शामिल हैं। इसने कहा कि इस सुविधा से निवेशकों को ट्रेजरी बिल की प्राथमिक नीलामी में बोलियां लगाने में मदद मिलेगी। रिटेल डायरेक्ट पोर्टल नवंबर, 2021 में रिटेल डायरेक्ट योजना के तहत रिजर्व बैंक में खुदरा निवेशकों को अपने गिल्ट खाते खोलने की सुविधा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।
 
यह योजना खुदरा निवेशकों को प्राथमिक नीलामी में सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) खरीदने के साथ-साथ द्वितीयक बाजार में जी-सेक खरीदने और बेचने की अनुमति देती है। इस योजना को पेश किए जाने के बाद से, उत्पाद और भुगतान विकल्पों के संदर्भ में कई नई सुविधाएं शुरू की गई हैं। इन सुविधाओं में मई, 2024 में एक मोबाइल ऐप पेश करना भी शामिल है।(भाषा)
 
Edited by : Ravindra Gupta

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