मुंबई। रिजर्व बैंक ने सोमवार को बैंकों को आगाह किया कि वे दीर्घकालीन रेपो अभियान (टीएलटीआरओ) के तहत जुटाए गए कोष का 50 प्रतिशत 1 महीने के भीतर कंपनियों के बॉण्ड में निवेश करने में विफल रहते हैं तो उन्हें दंडस्वरूप 2 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज देना होगा।
शीर्ष बैंक ने 27 मार्च को टीएलटीआरओ की घोषणा की थी। इसका मकसद कॉर्पोरट बॉण्ड बाजार में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करना है।
केंद्रीय बैंक बैंकिंग प्रणाली को दीर्घकालिक नकदी उपलब्ध कराने के लिए तब से अब तक 3 बार एलटीआरओ के तहत बॉण्ड खरीद के लिए नीलामी का आयोजन कर चुका है। शीर्ष बैंक ने बाजार में पर्याप्त नकदी उपलब कराने का वादा किया है।
रिजर्व बैंक ने सोमवार को बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) के प्रारूप में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि बैंक टीएलटीआरओ कोष का 50 प्रतिशत निवेश करने के लिए 30 दिन का समय ले सकते हैं।
रिजर्व बैंक ने आगाह करते हुए कहा कि अगर बैंक निर्धारित अवधि में निवेश करने में विफल रहते हैं, उन पर उतने दिन के लिए मौजूदा रेपो दर के अलावा 2 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज लगेगा जितने दिन तक कोष का उपयोग नहीं किया जाता। फिलहाल नीतिगत दर 4.40 प्रतिशत है। (भाषा)