भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए कथित विवादित बयान को लेकर शुक्रवार यानी 10 जून को पूरा देश सुलग उठा। जुमे की नमाज के बाद कश्मीर से लेकर कर्नाटक तक कई शहर हिंसा की आग में सुलग उठे। देखते ही देखते नूपुर के बयान की आग 12 राज्यों में पहुंच गई। सबसे ज्यादा यूपी, झारखंड के रांची और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हिंसा का खेल खेला गया। राजधानी दिल्ली के जामा मस्जिद के बाहर भी बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया।
यूपी के प्रयागराज, अंबेडकर नगर, हाथरस, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, सहारनपुर, हाथरस आदि शहरों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उपद्रव मचाया। पथराव और आगजनी की कई घटनाएं सामने आईं। पुलिस ने 250 से ज्यादा उपद्रवियों को अब तक हिरासत में लिया है, जबकि 1000 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाते हुए उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस बीच पुलिस का दावा है कि उसने प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद अहमद को गिरफ्तार किया है। हालांकि एसएसपी अजय कुमार का कहना है कि इस हिंसा का मास्टरमाइंड और लोग भी हो सकते हैं।
दूसरी ओर, दिल्ली में हुए प्रदर्शन को लेकर सेंट्रल दिल्ली की डीसीपी श्वेता चौहान का कहना है कि शुक्रवार की नमाज में बहुत लोग इकट्ठा होते हैं, इसलिए हम पहले से सतर्क थे। नमाज के तुरंत बाद अगर बैनर के साथ लोगों ने प्रदर्शन शुरू किया तो इससे जाहिर है कि ये विरोध प्रदर्शन योजनाबद्ध था।
झारखंड की राजधानी रांची में भी जमकर तोड़फोड़ और आगजनी हुई। यहां हुई हिंसा की घटनाओं में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब दर्जनभर लोग घायल हो गए। हिंसा के मद्देनजर प्रशासन ने रांची में अनिश्चितकाल के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं।
महाराष्ट्र में ठाणे, औरंगाबाद, सोलापुर, नंदुरबार, परभणी, बीड, लातूर, भंडारा, चंद्रपुर और पुणे जिलों प्रदर्शन या मार्च का आयोजन किया गया। वहीं महाराष्ट्र से लगे मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में भी प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए। इन राज्यों के अलावा गुजरात, बिहार, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना आदि राज्यों में भी नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन हुए।
लगातार विरोध के बीच भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए कहा कि बयान तो बहाना है। हिन्दू और सनातनी हमेशा वर्ग विशेष के निशाने पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि सच कहना बगावत है तो हम बागी हैं। हालांकि इस बात को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि एक साथ देशभर में इतने शहर क्यों और कैसे सुलग उठे? कहीं इसके पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं है या फिर यह महज एक संयोग है?