गुरुग्राम। हरियाणा में गुरुग्राम के रेयान स्कूल में हुई अपने बच्चे की हत्या के मामले में प्रद्युम्न के पिता सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। पिता की मांग है कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि असली सच सामने आ सके। वहीं, कल जिला प्रशासन की जांच में स्कूल की सुरक्षा में खामी की बात भी सामने आईं हैं।
गुरुग्राम पहुंचे हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि पुलिस सात दिन के अंदर सच सामने लाकर रख देगी नहीं तो सीबीआई जांच होगी। प्रद्युम्न के परिवार समेत आज पूरा देश जल्द इंसाफ की मांग कर रहा है। इस मामले में स्कूल मैनेजमेंट और पुलिस की जांच पर सवाल उठा रहा है। पीड़ित परिवार सीबीआई जांच की मांग कर रहा है।
वारदात पर जिला प्रशासन की तीन सदस्यीय सब कमेटी ने अपनी जो जांच रिपोर्ट सौंपी है, उसमें स्कूल के अंदर कई गंभीर खामियां नजर आई है। कमेटी ने रायन इंटरनेशनल स्कूल की जांच की तो पाया कि स्कूल के टॉयलेट के पीछे की दीवार टूटी थी। स्कूल में बच्चों के इस टॉयलेट में कोई भी घुस सकता था। जांच रिपोर्ट में स्कूल के सीसीटीवी पर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
प्रद्युम्न का शव स्कूल के टॉयलेट के सामने मिला था। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि इस स्कूल के पीछे की ग्रिल टूटी हुई थी। जिसकी वजह से टॉयलेट में कोई भी दाखिल हो सकता था। ये बात पहले ही सामने आ चुकी है कि स्कूल में बच्चों के टॉयलेट में दूसरे कर्मचारी भी दाखिल होते थे।
जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि स्कूल के सीसीटीवी काम तो कर रहे थे, लेकिन उनकी क्वालिटी घटिया थी। यहीं नहीं सीसीटीवी सही जगह नहीं लगे थे। जिस टॉयलेट में प्रद्यूम्न को मारा गया, उसके बाहर सीसीटीवी इस एंगल से लगे थे कि टॉयलेट में अंदर जाने वाला शख्स कैमरे में कैद न हो। जांच रिपोर्ट में ये भी पाया गया है कि स्कूल के कई कर्मचारियों का वेरिफिकेशन पुलिस से नहीं कराया गया था। हालांकि जिस कंडक्टर पर हत्या का आरोप है उसके बारे में पुलिस को जानकारी दी गई थी।
सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार : सात वर्षीय लड़के की हत्या की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सैकड़ों लोगों ने रविवार को विद्यालय परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। हरियाणा सरकार ने कहा कि वह इस मांग को स्वीकार करने को तैयार है क्योंकि सरकार द्वारा गठित समिति ने स्कूल में ‘सुरक्षा खामियां’ पाई हैं।
राज्य सरकार ने गुरुग्राम पुलिस को सात दिनों के अंदर दायर किए जाने वाले आरोपपत्र में रेयान इंटरनेशनल स्कूल के मालिक अल्बर्ट पिंटो के खिलाफ किशोर न्याय (देखभाल एवं दंड) अधिनियम, 2015 की धारा 75 के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है।
शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने साथ ही कहा कि स्कूल को कल बंद रखने का आदेश दिया है ताकि उसके आसपास ‘शांति एवं सद्भाव बनाए रखा’ जा सके। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि मामले में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी और स्कूल प्रबंधन को जबावदेह ठहराया जाएगा।
इस कांड के सिलसिले में बस कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार मामले में आरोपी अशोक कुमार कथित यौन हमले के इरादे से किसी छात्र के शौचालय में आने के इंतजार में था। प्रद्युम्न पहला छात्र था जो शौचालय में पहुंचा।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने आज कहा कि इस मामले में आरोपपत्र सात दिन में तैयार होगा क्योंकि पुलिस तेजी से जांच कर रही है। बहरहाल, अगर बच्चे के माता-पिता सीबीआई या किसी दूसरी एजेंसी से जांच की मांग करते हैं तो सरकार उनकी मांग स्वीकार कर लेगी।
शर्मा ने कहा कि सरकार ने इस मामले में सात दिन की समयसीमा तय की है । आरोपी पर भादसं की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमने गुरुग्राम पुलिस को सात दिनों के अंदर दायर किये जाने वाले आरोपपत्र में रयान इंटरनेशनल स्कूल के मालिक अल्बर्ट पिंटो के खिलाफ किशोर न्याय (देखभाल एवं दंड) अधिनियम, 2015 की धारा 75 के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा, ‘ऐसे मामलों में यह न्यूनतम समय है। लेकिन यदि बच्चे के माता-पिता तब भी महसूस करते हैं कि वे संतुष्ट नहीं हैं तब उनकी इच्छा के हिसाब से हम सीबीआई समेत किसी भी एजेंसी से जांच करा सकते हैं।’ शर्मा ने कहा कि इस मामले में सुरक्षा को लेकर कुछ खामियां स्पष्ट तौर पर नजर आती हैं और शौचालय की खिड़की भी टूटी हुई थी।
उन्होंने कहा, ‘हम रेयान इंटरनेशनल स्कूल की तरफ से लापरवाही को स्वीकार करते हैं, लेकिन स्कूल की मान्यता रद्द नहीं की जा सकती क्योंकि 1200 छात्रों का भविष्य दांव पर है।’ शर्मा ने कहा कि स्कूल प्रबंधन को बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी। हम निजी सहित सभी स्कूलों को इस संबंध में निर्देश जारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि जब हम एक सप्ताह के अंदर पुलिस द्वारा एकत्रित सबूत के साथ आरोपी को अदालत में पेश करेंगे तो बच्चे के माता-पिता की गयी कार्रवाई से संतुष्ट होंगे। हमें बच्चे के माता-पिता से पूरी सहानुभूति है, हरियाणा सरकार मदद के लिए इच्छुक होगी। इस मामले में कानून के अनुसार जो भी सख्त कार्रवाई जरुरी होगी, की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि स्कूल के समीप वाली शराब दुकान स्थायी रुप से बंद करने का आदेश दिया गया है।
इस बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा की भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा, ‘यह सरकार जनता का भरोसा और विश्वास खो चुकी है। मीडियाकर्मियों पर हमला करके सरकार जनता की आवाज दबाना चाहती है।’ शिक्षा मंत्री ने बताया कि बच्चे की हत्या के बाद गठित की गयी तीन सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति ने स्कूल प्रबंधन की ओर से बड़ी सुरक्षा खामियां पायीं। जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति गुड़गांव पुलिस और उपायुक्त विजय प्रताप सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
उन्होंने कहा कि समिति ने पाया कि स्कूल में उसके 40 बस चालकों तथा कंडक्टरों के लिए अलग शौचालय नहीं थे। मंत्री ने कहा, ‘उन्हें छात्रों के शौचालयों का इस्तेमाल करना पड़ता था। बस चालकों एवं कंडक्टरों की कोई तलाशी नहीं ली जाती थी। स्कूल में कोई सुरक्षा जांच प्रणाली नहीं पायी गयी। स्कूल के भीतर हर कोने पर नजर रखने के लिए कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे।’ उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी चारदीवारी से छलांग लगाकर स्कूल परिसर में आसानी से आ जा सकता था।
स्कूल का बयान :
इसी बीच स्कूल ने रविवार रात एक बयान जारी कर कहा कि वह पुलिस जांच में ‘अपनी तरफ से पूरा सहयोग’ कर रहा है और उसे उम्मीद है कि दोषी को कानून के अनुरूप कठोरतम सजा मिलेगी।
रेयान इंटरनेशनल स्कूल्स ग्रुप के सीईओ रेयान पिंटो ने हालांकि कहा कि स्कूल को अनुचित रूप से दोषी ठहराया या साजिशकर्ता करार दिया जाना नहीं चाहिए।
प्रदर्शन : इससे पहले दिन में कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार करते हुये स्कूल परिसर के भीतर शराब की बोतलें फेंकी। शराब की दुकान स्कूल से करीब 50 मीटर की दूरी पर है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि खाली समय में स्कूल के चालक और कंडक्टर शराब की दुकान से शराब खरीद कर पीते हैं।
प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि इस घटना की सीबीआई जांच का आदेश दिये जाने तक इस विद्यालय को बंद किया जाए। बीते शुक्रवार को रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय के अंदर कक्षा दूसरी के विद्यार्थी प्रद्युम्न ठाकुर की गला काट कर हत्या कर दी गई थी जिसके बाद जनाक्रोश भड़क उठा था।
प्रदर्शन के दौरान कुछ फोटो पत्रकारों के कैमरों को भी नुकसान पहुंचा। गुरुग्राम पुलिस के जन संपर्क अधिकारी रविन्दर कुमार ने बताया, ‘गुड़गांव पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज भी किया। पुलिस ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहे 20 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।’
इस बीच गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त संदीप खीरवार ने पुलिस द्वारा मीडियाकर्मियों को निशाना बनाए जाने के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा, ‘मेरी जानकारी के हिसाब से वहां से भीड़ हटाने के लिए उचित चेतावनी दी गयी थी और किसी को निशाना नहीं बनाया गया। लेकिन यदि कोई मीडियाकर्मी घायल हो गया है तो मैं अफसोस प्रकट करता हूं और हम पूरे प्रकरण का विश्लेषण करेंगे। लेकिन किसी को निशाना बनाने की मंशा नहीं थी।’
उन्होंने कहा, ‘पुलिस प्रशासन की ओर से मैं जिला प्रशासन से अनुरोध करना चाहता हूं कि मीडियाकर्मियों का सबसे अच्छा इलाज कराया जाए।’ मुख्यमंत्री ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का वादा किया और मीडियाकर्मियों के जख्मी होने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।