सबरीमाला में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, पुलिस ने 10 महिलाओं को जाने से रोका

Webdunia
रविवार, 17 नवंबर 2019 (00:36 IST)
सबरीमाला (केरल)। केरल में सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर के कपाट दो महीने चलने वाली तीर्थयात्रा मंडल-मकरविलक्कू के लिए शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच खोल दिए गए।
 
पुलिस ने बताया कि पहले दिन आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा से आए 30 लोगों के समूह में शामिल 10 महिलाओं को प्रतिबंधित 10 से 50 वर्ष की आयुसीमा में होने की वजह से मंदिर से 5 किलोमीटर दूर पम्पा से ही वापस भेज दिया गया। मंदिर के तंत्री (पुरोहित) कंडरारू महेश मोहनरारू ने शाम 5 बजे मंदिर के गर्भगृह के कपाट खोले और पूजा-अर्चना की।
 
केरल के पथनमथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट के आरक्षित वन क्षेत्र में स्थित मंदिर में केरल, तमिलनाडु और अन्य पड़ोसी राज्यों के सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे।
 
तंत्री के ‘पदी पूजा’ करने के बाद श्रद्धालुओं, जिन्हे दो बजे दोपहर को पहाड़ी पर चढ़ने की अनुमति दी गई, ने इरुमुडीकेट्टू (प्रसाद और चढ़ावे की पवित्र पोटली) के साथ मंदिर के पवित्र 18 सोपान पर चढ़ कर भगवान अयप्पा के दर्शन किए।
 
इस बीच एके सुधीर नम्बूदिरी ने सबरीमाला मंदिर के ‘मेलशांति’ (मुख्य पुजारी) की जिम्मेदारी संभाली। एमएस परमेश्वरन नम्बूदिरी को मिलिकापुरम देवी मंदिर के पुजारी की जिम्मेदारी लेनी थी लेकिन परिवार में एक मौत की वजह से उन्होंने कार्यभार नहीं संभाला। अधिकारियों के मुताबिक उम्मीद है कि 23 नवंबर को परमेश्वरन नई जिम्मेदारी संभालेंगे।
 
पुलिस ने बताया कि पम्पा आधार शिविर के पास विजयवाड़ा से आए समूह में शामिल लोगों के पहचान-पत्र की जांच की गई और प्रतिबंधित उम्र सीमा में होने की वजह से सबरीमाला में मौजूदा स्थिति की जानकारी देकर 10 युवा महिलाओं को वापस भेज दिया गया। इसके बाद वे लौट गईं।
 
पिछले साल 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने और राज्य की वाम मोर्चे की सरकार द्वारा इसका अनुपालन करने की प्रतिबद्धता जताने के बाद दक्षिणपंथी संगठनों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए थे।
 
हालांकि इस साल सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने संबंधी अपने फैसले पर रोक नहीं लगाई,  लेकिन इस फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को 7 न्यायाधीशों की वृहद पीठ को भेज दिया। साथ ही, सरकार भी इस विषय पर सावधानी बरत रही है।
 
देवस्वओम मंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन ने स्पष्ट कर दिया है कि सबरीमाला कार्यकर्ताओं के अपनी सक्रियता दिखाने का स्थान नहीं है और प्रचार पाने के लिए मंदिर आने वाली महिलाओं को सरकार प्रोत्साहित नहीं करेगी। वहीं, 10 से 50 आयुवर्ग की जो महिला सबरीमाला मंदिर में दर्शन करना चाहती हैं, वे अदालत का आदेश लेकर आएं।
 
राज्य में मंदिरों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार देवस्वओम बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की है। पिछले साल अगस्त में आई भीषण बाढ़ की वजह से भारी नुकसान हुआ था और श्रद्धालुओं के लिए स्थापित सुविधाएं नष्ट हो गई थी।
 
बोर्ड इस वर्ष सबरीमाला तीर्थ यात्रा के तीन प्रमुख अधार स्थल नीलक्कल, पम्पा और सन्निधानम में पहले ही विश्राम स्थल का निर्माण कर चुका है। इसके अलावा चिकित्सा, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की गई है। तीर्थ यात्रा के दौरान भगवान अयप्पा मंदिर के आसपास 10,000 पुलिस कर्मी चरणबद्ध तरीके से तैनात रहेंगे।
 
उल्लेखनीय है कि सबरीमाला मंदिर पेरियार बाघ संरक्षण क्षेत्र में है और इसके कपाट श्रद्धालुओं के लिए केवल मंडलपूजा, मकरविलक्कू और विशू उत्सव के लिए खोले जाते हैं। मंदिर प्रत्येक मलयालम महीने के शुरुआती पांच दिन के लिए भी खुलेगा। इस सत्र में मंदिर 27 दिसंबर तक मंडलपूजा के लिए खुलेगा और फिर तीन दिन के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर के कपाट दोबारा 30 दिसंबर को मकरविलक्कू के लिए खुलेंगे और मंदिर 20 जनवरी को बंद होगा।
 
भगवान अयप्पा का यह मंदिर समुद्र तल से करीब 4000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। वाहन से केवल पम्पा तक जाया सकता है और श्रद्धालुओं को जंगल के बीच से पैदल ही मंदिर तक जाना होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

पाकिस्तान में बेनाम सामूहिक कब्रों के पास बिलखती महिलाएं कौन हैं...?

नरेंदर सरेंडर... भोपाल में PM मोदी पर राहुल गांधी ने बोला जमकर हमला

क्या ये वन नेशन, वन हसबैंड योजना है, मोदी के नाम का सिंदूर लगाएंगे, Operation Sindoor पर भगवंत मान के बयान पर बवाल

Operation Sindoor में भारतीय नुकसान पर फिर आया CDS अनिल चौहान का बयान, जानिए क्या कहा

सोनम की सास से बातचीत की आखिरी ऑडियो क्‍लिप वायरल, पढ़िए पूरी बात, लापता होने से पहले क्‍या कहा था बहू ने?

सभी देखें

नवीनतम

नाजी शासन को चुनौती देने वाली भारतीय राजकुमारी

गडकरी ने देहरादून के लिए देखा सपना, हवा में चलेगी डबल डेकर बस

Pakistan ने बनाया था 48 घंटे का प्लान, CDS अनिल चौहान ने बताया भारत कैसे 8 घंटे में घुटनों पर लाया

नॉर्थईस्ट में बाढ़ से हाहाकार, असम के 21 जिलों के 6.33 लाख लोग प्रभावित, 17 की मौत

4 दिन के युद्ध में पाकिस्तान में कैसे मची तबाही, आ गई Operation Sindoor की पूरी Details

अगला लेख