सलमान को मिली दो दिन की राहत!

Webdunia
बुधवार, 6 मई 2015 (17:33 IST)
मुंबई। मशहूर अभिनेता सलमान खान को बुधवार को उस वक्त करारा झटका लगा जब   सत्र अदालत ने 2002 के हिट एंड रन मामले में उन्हें पांच साल जेल की कड़ी सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद सलमान को गिरफ्तार कर लिया गया ।

सलमान के वकीलों ने इसके तुरंत बाद जमानत और दोषसिद्धि पर रोक के लिए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जहां से उन्हें दो दिन की अंतरिम जमानत मिल गई।

न्यायाधीश डी. डब्ल्यू देशपांडेय ने दोपहर 1.30 बजे सजा सुनाई और तुरंत सलमान को हिरासत में ले लिया गया। सलमान ने 2002 में अपने टोयोटा लैंड क्रूजर से सड़क के किनारे बनी एक बेकरी में टक्कर मारी थी। इसमें फुटपाथ पर सो रहे एक शख्स की मौत हो गई थी जबकि चार अन्य जख्मी हो गए थे।

न्यायाधीश देशपांडे ने ‘दबंग’ बॉलीवुड स्टार को नशे की हालत में कार चलाने और ड्राइविंग लाइसेंस न रखने जैसे आरोपों सहित इस मामले के ‘तमाम आरोपों’ में कसूरवार करार देते हुए पांच साल की कैद की सजा सुनाई।

बगैर लाइसेंस के कार चलाने के जुर्म में सलमान को दो महीने जेल की सजा सुनाई गई। न्यायाधीश देशपांडेय ने जब सजा सुनाई तो सलमान की आंखों में आंसू छलक आए। न्यायाधीश ने कठघरे में खड़े सलमान से कहा कि आपके खिलाफ सभी आरोप साबित हुए हैं..आपको क्या कहना है?’’ उन्होंने कहा कि मैंने पाया कि गाड़ी आप ही चला रहे थे। आप नशे में थे।

मैं आपकी इस दलील से भी सहमत नहीं हूं कि जिस शख्स की मौत हुई थी वह कार को हटाते वक्त उस पर क्रेन के गिरने की वजह से उसे आई चोटों के कारण हुई थी। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि सलमान के ड्राइवर अशोकसिंह घटना के वक्त गाड़ी चला रहे थे।

बहरहाल, सफेद कमीज और हल्की नीली रंग की डेनिम जींस पहने सलमान ने जोर देकर कहा कि मैं कार नहीं चला रहा था...लेकिन मैं आपके फैसले का सम्मान करता हूं और इसे स्वीकार करता हूं। मेरी तरफ से मेरे वकील बोलेंगे। सलमान को दोषी करार देते हुए अदालत ने इस मामले की तुलना एलिस्टियर परेरा और संजीव नंदा बीएमडब्ल्यू मामलों से की।

इसी से जुड़े घटनाक्रम में अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दाउंडकर की वह अर्जी खारिज कर दी जिसमें झूठी गवाही के लिए पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।

अर्जी में कहा गया था कि सुनवाई के दौरान गलत डॉक्टरों से पूछताछ की गई थी जिससे न्याय की प्रक्रिया में देर हुई। दाउंडकर की अर्जी खारिज करते हुए अदालत ने उन पर 10,000 रूपए का जुर्माना भी लगाया। 

दाउंडकर ने अपनी अर्जी में एक प्रमुख गवाह गायक कमाल खान का बयान न लेने के लिए पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी। कमाल खान घटना के वक्त कार में सवार थे।

इस अहम मामले में आज फैसले के मद्देनजर अदालत परिसर में और इसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, जहां सलमान के भाई अरबाज, सोहेल, बहन अर्पिता खान सहित उनका परिवार आज सुबह ही पहुंच गया था। 
 
कांग्रेस के पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी, फिल्म निर्माता रमेश तौरानी, सलमान की सचिव रेशमा शेट्टी और निजी अंगरक्षक शेरा भी इस मौके पर मौजूद थे। अदालत कक्ष संख्या-52 पत्रकारों, वकीलों और पुलिसकर्मियों से खचाखच भरी थी। सलमान के कई प्रशंसक भी बाहर खड़े थे।
 
इस मामले में पिछले साल अप्रैल से ताजा सुनवाई सत्र अदालत में शुरू हुई थी। सुनवाई उस वक्त शुरू हुआ जब एक मजिस्ट्रेट अदालत ने गैर-इरादतन हत्या का आरोप जोड़ते हुए मामले को सत्र अदालत के पास भेज दिया।
 
आज सजा की अवधि की घोषणा से पहले सरकारी वकील प्रदीप घरात ने सलमान के लिए कड़ी सजा की मांग की ताकि समाज में एक संदेश जाए कि ऐसी हरकतों से सख्ती से निपटा जाता है।
 
घरात ने कहा कि वह सलमान की इस दलील से संतुष्ट नहीं हैं कि हादसा ईश्वर की मर्जी थी। घरात ने कहा, ‘यह एक गंभीर अपराध था और आरोपी को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए थी।’ 
 
वकील ने कहा कि लापरवाही से की जाने वाली ड्राइविंग की वजह से गाड़िया मौत का जाल बन गई हैं और समाज में संदेश जाना चाहिए कि ऐसे मामलों में आरोपी हल्की सजा पाकर छुटकारा नहीं पा सकता। 
 
श्रीकांत ने यह भी कहा कि 2007 में अभिनेता ने समाज सेवा के लिए सलमान खान फाउंडेशन और ‘बीइंग ह्यूूमन’ नाम का एनजीओ शुरू किया था। उन्होंने कहा कि सलमान ने बड़े पैमाने पर सामुदायिक सेवा की है। 
 
उन्होंने अदालत को इन संगठनों के बैलेंस शीट भी दिखाए ताकि उनकी ओर से किए गए परमार्थ कार्यों के बारे में बताया जा सके। वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि सजा सुनाते वक्त ‘नरमी’ बरती जाए।
 
बचाव पक्ष के वकील ने एक फिजिशियन का वह प्रमाण-पत्र भी दिखाया जिसमें कहा गया था कि सलमान को न्यूरोलॉजिकल तकलीफ है जो उचित देखभाल न होने पर बढ़ सकती है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि सजा की अवधि की घोषणा करते वक्त इस तथ्य को भी ध्यान में रखा जाए।
 
बहरहाल, जब सलमान ने उन्हें यह मुद्दा न उठाने के संकेत दिए तो वकील ने अदालत से कहा कि वह इस दलील पर जोर नहीं दे रहे हैं।
 
अदालत ने सलमान को आईपीसी एवं अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया। आईपीसी की धारा 304 (भाग-दो) के तहत उन्हें पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई और 25,000 रूपए का जुर्माना लगाया गया।
 
सलमान को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 337 और 338 के तहत भी दोषी करार दिया गया। इसमें छह महीने जेल की सजा है।
 
इसके अलावा, उन्हें मोटर वाहन कानून की धारा 181 (लाइसेंस के बगैर गाड़ी चलाना) और 185 (नशे में गाड़ी चलाना) के तहत छह महीने जेल की सजा सुनाई गई।
 
उसे बंबई निषेध कानून की धारा 66 (ए) और (बी) के तहत भी दोषी करार दिया गया । इसके लिए उन्हें दो महीने जेल और 500 रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई। (भाषा)
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?