एससी/एसटी अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश

Webdunia
शुक्रवार, 3 अगस्त 2018 (16:36 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश से कमजोर हुए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार (निवारण) कानून को पुराने स्वरूप में लाने के लिए इसमें जरूरी बदलाव से संबंधित विधेयक आज लोकसभा में पेश किया।


सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने सदन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण (संशोधन) विधेयक पेश किया। उच्चतम न्यायालय ने गत 20 मार्च को एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून के कुछ सख्त प्रावधानों को हटा दिया था, जिसके कारण इससे जुड़े मामलों में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लग गई थी।

इसके अलावा आरोपी को अंतरिम जमानत लेने की अनुमति भी मिल गई थी। संशोधन विधेयक में इन प्रावधानों को फिर से लागू करने की व्यवस्था की गई है। न्यायालय के फैसले का विभिन्न राजनीतिक दलों एवं संगठनों ने विरोध किया था और सरकार से कानून को पहले के स्वरूप में लाने की मांग की थी। मंत्रिमंडल की गत बुधवार को हुई बैठक में कानून के पूर्व के प्रावधानों को बनाए रखने के लिए संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई थी। (वार्ता) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

चीन की यह परियोजना भारत के लिए है 'वाटर बम', अरुणाचल के CM पेमा खांडू ने चेताया

nimisha priya : कैसे बचेगी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की जान, क्या होती है ब्लड मनी, किन हालातों में रुक सकती है फांसी

Donald Trump को Nobel Prize दिलाने के लिए उतावले क्यों हैं पाकिस्तान और इजराइल, क्या हैं नियम, कौन कर रहा है विरोध, कब-कब रहे हैं विवादित

बैकफुट पर CM रेखा गुप्ता, सरकारी आवास की मरम्मत का ठेका रद्द, जानिए कितने में हुआ था ठेका

Video : रिटायर होने के बाद क्या करेंगे गृह मंत्री अमित शाह, सहकारी कार्यकर्ताओं के सामने किया प्लान का खुलासा

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra : मासिक धर्म की जांच के लिए छात्राओं के कपड़े उतरवाए गए, 8 पर मामला दर्ज

धर्मांतरण रैकेट की जड़ें तलाशेगी ATS, छांगुर बाबा और नीतू एक हफ्ते के पुलिस रिमांड पर

वंदे भारत ट्रेन पर पथराव, यात्रियों में मची अफरातफरी, आरोपी गिरफ्तार

तहव्वुर राणा के खिलाफ NIA ने ठोका पहला चार्ज, 13 अगस्त तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

तीसरे फ्लीट सपोर्ट शिप का ‘कील लेइंग’ समारोह, भारतीय नौसेना को सौंपा गया सहायता पोत ‘निस्तार’

अगला लेख