वैज्ञानिकों ने विकसित की नई प्रणाली, किसानों की फसल का नुकसान होगा कम

Webdunia
बुधवार, 10 फ़रवरी 2021 (21:15 IST)
लंदन। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नई प्रणाली विकसित की है, जिसके जरिए भारत में मानसून के मौसम में किसानों को अपेक्षित बदलावों का शुरुआती पूर्वानुमान उपलब्ध कराया जा सकता है। इस प्रणाली से किसानों को फसल के नुकसान को कम करने में मदद मिल सकती है।

इन वैज्ञानिकों में भारतीय मूल के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। इन वैज्ञानिकों का कहना है कि भारतीय मानसून के समय का अनुमान लगाने के लिए एक प्रणाली विकसित की गई है। ब्रिटेन में यूरोपीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (ईसीएमडब्ल्यूएफ) के शोधकर्ताओं ने अपने दीर्घकालिक वैश्विक मौसम पूर्वानुमान प्रणाली का उपयोग यह अनुमान लगाने के लिए किया कि गर्मी के मौसम में मानसून कब शुरू होगा, और कितनी बारिश होगी।

‘जर्नल क्लाइमेट डायनामिक्स’ में प्रकाशित अध्ययन में उन्होंने उल्लेख किया कि इस प्रणाली के जरिए भारत के प्रमुख कृषि क्षेत्रों में मानसून के समय के लिए एक महीने पहले सटीक पूर्वानुमान उपलब्ध कराया गया था।

वैज्ञानिकों का मानना है कि किसानों को यह जानकारी प्रदान करने से उन्हें अप्रत्याशित रूप से भारी वर्षा या सूखे की स्थिति के लिए तैयार करने में मदद मिल सकती है। ये दोनों कारक भारत में फसलों को नष्ट करते हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार, भारत में मानसून के मौसम में वार्षिक बारिश की 80 प्रतिशत वर्षा होती है और इसके पहुंचने के समय में थोड़े से बदलाव से भी कृषि पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के सह-लेखक अमूल्य चेवुतुरी ने कहा, साल-दर-साल बदलावों का सटीक अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन कई परिवारों के लिए समृद्धि या गरीबी के बीच अंतर हो सकता है।

उन्होंने एक बयान में कहा, भारत के मुख्य कृषि क्षेत्रों में हमने जो पूर्वानुमान लगाया है, उससे लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आने का स्पष्ट मौका मिलता है।भारत में मानसून का मौसम हर साल एक जून के आसपास शुरू होता है, पूरे उपमहाद्वीप में फैलने से पहले यह दक्षिण पश्चिम भारत में शुरू होता है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख