मलेरिया को लेकर वैज्ञानिकों ने सुलझाई 100 साल पुरानी यह गुत्थी

Webdunia
बुधवार, 16 दिसंबर 2020 (22:14 IST)
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क की तस्वीरें लेने वाली तकनीकों का उपयोग कर करीब 100 साल पुरानी यह गुत्थी सुलझाने का दावा किया है कि मलेरिया किस तरह से मस्तिष्क को प्रभावित करता है। ओडिशा के राउरकेला में किए गए इस अध्ययन में 'द सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ कॉम्प्लेक्स' मलेरिया के वैज्ञानिक भी शामिल थे। वैज्ञानिकों को मिली इस सफलता से यह खुलासा हुआ है कि इस घातक रोग का वयस्कों और बच्चों पर अलग-अलग प्रभाव कैसे पड़ता है?
ALSO READ: इंदौर में Covid 19 से मरने वाले हर 100 मरीजों में 49 मधुमेह रोगी : अध्ययन
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक प्लाज्मोडियम फाल्सीपैरम परजीवी से होने वाला मलेरिया गंभीर और जानलेवा होता है, जो मनुष्य को एनॉफिलीज मच्छरों के काटने से होता है। उनके मुताबिक इस रोग से ग्रसित करीब 20 प्रतिशत लोगों की इलाज के बावजूद मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क पर मलेरिया के पड़ने वाले प्रभाव की गुत्थी पिछले 100 साल से वैज्ञानिकों को उलझाए हुई थी।
 
यह अध्ययन 'क्लिनिकल इंफेक्सियस डिसीजेज जर्नल' में बुधवार को प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में अत्याधुनिक एमआरआई स्कैन का उपयोग किया गया ताकि मलेरिया से ग्रसित विभिन्न आयु समूह के लोगों के मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभावों के बीच अंतर की तुलना की जा सके।
ALSO READ: गर्म दूध के साथ करें गुड़ का सेवन और पाएं कई रोगों से छुटकारा
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन से संबद्ध एवं अध्ययन के सह प्रमुख लेखक सैम वासमर ने कहा कि बरसों तक वैज्ञानिक इस तरह के मलेरिया की पैथोलॉजी को समझने के लिए शव परीक्षण पर निर्भर रहे लेकिन यह इस रोग से जीवित बचे लोगों और इसकी मरने वालों के बीच तुलना करने में सहायक साबित नहीं हुआ।
 
उन्होंने कहा कि जीवित व्यक्ति के मस्तिष्क का अध्ययन करने के लिए न्यूरोइमेजिंग तकनीक का उपयोग कर हम वयस्कों में इस रोग से होने वाली मौत के खास कारणों का पता लगा सके हैं। 'सेंटर फॉर स्टडी ऑफ कॉम्प्लेक्स' मलेरिया के वैज्ञानिक एवं अध्ययन के सह प्रमुख लेखक संजीव मोहंती ने कहा कि अनुसंधान के नतीजों के बाद अब क्लिनिकल परीक्षण करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि यह सफल रहा तो यह विश्व के सबसे घातक रोगों में शामिल इस रोग से होने वाली लोगों की मौत की संख्या में कमी लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख