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PFI की डायरी से खुलेंगे साजिश के रहस्‍य, इन कोड वर्ड्स का होता था इस्‍तेमाल

हमें फॉलो करें PFI की डायरी से खुलेंगे साजिश के रहस्‍य, इन कोड वर्ड्स का होता था इस्‍तेमाल
, रविवार, 17 जुलाई 2022 (13:43 IST)
नई दिल्‍ली। पीएफआई की डायरी से अब साजिश के राज सामने आ सकते हैं। इस डायरी में कई अहम जानकारियां सामने आने की बात की जा रही है। इनमें नाम, पते और जगहों के नाम दर्ज हैं।

दरअसल, बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ के नया टोला स्थित अहमद पैलेस में संचालित पीएफआई के दफ्तर से जब्त रजिस्टर (लाल डायरी) पटना पुलिस के लिए अहम साबित हो रही है। इस रजिस्टर में दर्जनों लोगों के नाम-पते व मोबाइल नंबर दर्ज पाए गए हैं। ये सभी दफ्तर में होने वाली मीटिंग व प्रशिक्षण में भाग लेने आते थे। इनमें पटना के अलावा बिहार के दरभंगा, नालंदा, कटिहार, अररिया, मधुबनी, मोतिहारी, सारण समेत कई अन्य जगहों के लोग शामिल रहे हैं।

पीएफआई का साजिश में नाम सामने आने के बाद पुलिस बेहद डिटेल में इसकी छानबीन कर रही है। रजिस्टर में दर्ज नाम व पते के आधार पर पुलिस स्लीपर सेल के तौर पर काम कर रहे लोगों की तलाश में जुटी है। इसके चलते कई संदिग्धों के मोबाइल नंबर बंद हो गए हैं और पुलिस से बचने के लिए ज्यादातर लोगों ने या तो ठिकाने बदल दिए हैं या फिर भूमिगत हो गए हैं।

दरअसल, पीएफआई के दफ्तर से जो रजिस्टर जब्त किया गया है और उसमें जिन लोगों के नाम व मोबाइल नंबर मिले हैं, पुलिस उसे लगातार ट्रैस कर रही है। पुलिस को आशंका है ये आरोपित पुलिस को चकमा देने के लिए हर हथकंडे अपना रहे होंगे। उनके द्वारा फर्जी-नाम पते व आईडी पर भी सिम लेने की आशंका है।

इन कोडवर्ड का होता था इस्‍तेमाल
रिपोर्ट के मुताबिक मरगूब पाकिस्तान के फैजान से अक्सर कोडवर्ड में बात करता था। इसके लिए वह सुपारी, कोबरा, मुनक्का, इमली, चवन्नी, किसमिस जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था। पुलिस से बचने के लिए व्हाटसएप कॉल की जाती थी।

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