राष्ट्रीय फिल्म समारोह में खूब सराहे गए शशि कपूर

Webdunia
सोमवार, 4 मई 2015 (01:27 IST)
नई दिल्ली। वयोवृद्ध अभिनेता शशि कपूर स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से 62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में रविवार को नहीं आ पाए लेकिन एक विशेष वृत्त चित्र के जरिये उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और दर्शकों ने उन्हें खूब सराहा।
इस समारोह में शशि कपूर को सिनेमा जगत में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था। शशि कपूर यह सम्मान पाने वाली 46वीं हस्ती हैं और कपूर परिवार में तीसरे व्यक्ति हैं जिन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया जा रहा है। उनके पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राज कपूर को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुके हैं।
 
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शशि कपूर को ‘जीवित किवदंती’ बताया। उन्होंने कहा ‘सिनेमा में उनका गहरा और विविधतापूर्ण योगदान है। वह सचमुच जीवित किवदंती हैं।’ उनके बेहतर स्वास्थ्य एवं जीवन की कामना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा ‘शशि कपूर अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राज कपूर के बाद कपूर परिवार में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने वाले तीसरे व्यक्ति हैं। मेरी शुभकामनाएं इस परिवार के साथ हैं जिसने भारतीय सिनेमा को बहुत कुछ दिया है।’ 
 
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरूण जेटली ने पुरस्कार के लिए शशि कपूर को बधाई दी। जेटली ने कहा ‘उनके प्रतिभाशाली परिवार का भारतीय सिनेमा में गहरा योगदान रहा है और शशि कपूर ने सार्थक फिल्में बना कर तथा प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय प्रोडक्शन्स में अभिनय कर अनूठा काम किया है।’ 
 
स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से 77 वर्षीय शशि कपूर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में नहीं आ सके। अब सरकार उनके घर पर उन्हें ट्रॉफी प्रदान करेगी। फिल्म उद्योग में उनके सहयोगी अमिताभ बच्चन, शर्मिला टैगोर और शबाना आजमी ने शशि कपूर के जीवन पर बने वृत्त चित्र में उन्हें शुभकामनाएं दीं। 
 
वृत्त चित्र में आवाज कपूर परिवार के युवा सितारे रणबीर कपूर ने दी है। पृथ्वीराज कपूर के पांच बच्चों में सबसे छोटे शशि कपूर अपने आकषर्क चेहरे, कद काठी और खास नृत्य शैली की वजह से मुख्यधारा की फिल्मों में दर्शकों के चहेते बन गए। इस बीच उन्होंने रंगमंच नहीं छोड़ा और वैकल्पिक सिनेमा में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
 
मर्चेन्ट आइवरी प्रोडक्शन्स के जरिये अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में कदम रखने वाले शुरूआती अभिनेताओं में से एक शशि कपूर ने पृथ्वी थिएटर की स्थापना कर अपने पिता का सपना पूरा किया।
 
फिल्मों में शशि पहली बार 1961 में बनी ‘धर्मपुत्र’ में नजर आए और फिर ‘चार दीवारी’, ‘दीवार’, ‘जब जब फूल खिले’ जैसी हिट फिल्में उनके खाते में आईं।
 
अंतरराष्ट्रीय फिल्में ‘द हाउस होल्डर’, ‘शेक्सपीयर वाला’, ‘बॉम्बे टॉकीज’, ‘सिद्धार्थ’ और ‘हीट एंड डस्ट’ भी शशि के अभिनय से सजी हैं। ‘बॉम्बे टॉकीज’ में उनकी पत्नी जेनिफर केंडल ने भी काम किया था।
 
‘न्यू डेहली टाइम्स’, ‘मुहाफिज’, ‘36 चौरंगी लेन’ और ‘जुनून’ के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। (भाषा)
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