थरूर का कटाक्ष, वामपंथी दल 21वीं सदी में प्रवेश करेंगे लेकिन यह केवल 22वीं सदी में ही हो सकता है

तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा कि यह कभी न भूलें कि जब भारत में पहली बार कम्प्यूटर आए थे तो वामपंथी गुंडे उन्हें तोड़ने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यालयों में घुस गए थे

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 26 मार्च 2025 (11:47 IST)
Shashi Tharoor News: कांग्रेस के नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने बुधवार को केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वामपंथी दल एक दिन आखिरकार 21वीं सदी में प्रवेश करेंगे, लेकिन यह 22वीं सदी में ही हो सकता है। उनकी यह टिप्पणी केरल विधानसभा द्वारा मंगलवार को केरल राज्य निजी विश्वविद्यालय (स्थापना और विनियमन) विधेयक, 2025 पारित किए जाने के बाद आई है। माकपा के नेतृत्व वाली सरकार लंबे समय से शिक्षा के निजीकरण का विरोध करती रही है, ऐसे में यह फैसला उसके रुख से अलग है।
 
थरूर ने कहा कि केरल की एलडीएफ सरकार ने राज्य में निजी विश्वविद्यालयों को खोलने की अनुमति देकर आखिरकार सही काम किया है। हमेशा की तरह यह निर्णय लगभग 15 से 20 साल देरी से लिया गया है। आमतौर पर 19वीं सदी की विचारधारा से जुड़े लोगों के साथ ऐसा होता है।ALSO READ: IUML नेता बशीर बोले- कांग्रेस के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे शशि थरूर
 
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा कि यह कभी न भूलें कि जब भारत में पहली बार कम्प्यूटर आए थे तो वामपंथी गुंडे उन्हें तोड़ने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यालयों में घुस गए थे। थरूर ने कहा कि भारत में केवल वामपंथी दलों ने मोबाइल टेलीफोन की शुरुआत पर आपत्ति जताई थी।
 
उन्होंने कहा कि उन्हें यह समझने में वर्षों लग गए कि इन परिवर्तनों का वास्तविक लाभार्थी आम आदमी था जिनके लिए वे बोलने का दावा करते थे। वामपंथी दलों पर कटाक्ष करते हुए थरूर ने कहा कि मुझे यकीन है कि वे एक दिन आखिरकार 21वीं सदी में प्रवेश करेंगे, लेकिन यह केवल 22वीं सदी में ही हो सकता है!ALSO READ: जॉर्डन की सेना ने भारतीय नागरिक को मारी गोली, शशि थरूर ने MEA से की यह अपील
 
सोमवार और मंगलवार को विस्तृत चर्चा के बाद विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने कहा कि संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) सैद्धांतिक रूप से विधेयक का विरोध नहीं कर रहा है। हालांकि उन्होंने सरकार से इसे लागू करने से पहले गहन अध्ययन और पड़ताल करने का आग्रह किया। उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना करते समय राज्य में दशकों से काम कर रही विश्वसनीय कॉर्पोरेट शिक्षा एजेंसियों को वरीयता देने का सुझाव दिया।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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