बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने देश बांग्लादेश वापस लौट सकती हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक उन्होंने इसके तीन शर्तें- लोकतंत्र की बहाली, अवामी लीग पर से प्रतिबंध हटना और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनावों का आयोजन रखी हैं।
बांग्लादेश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना ने कई हफ्तों तक चले हिंसक सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद 5 अगस्त, 2024 को देश छोड़ दिया था। इस आंदोलन के चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। मीडिया खबरों के मुताबिक हसीना ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह मूर्खतापूर्ण प्रतिबंध हटा लिया जाएगा। चाहे सरकार में हो या विपक्ष में, अवामी लीग को बांग्लादेश में राजनीतिक संवाद का हिस्सा होना चाहिए। हसीना ने कहा कि भारत का हमेशा बांग्लादेश से सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संबंध रहा है।
उन्होंने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर मूर्खतापूर्ण और आत्म-पराजय वाली कूटनीतिक गलतियां करके नई दिल्ली के साथ संबंधों को खतरे में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूनुस की भारत के प्रति शत्रुता मूर्खतापूर्ण और आत्म-पराजय वाली है, जो उन्हें एक कमजोर सम्राट के रूप में दर्शाती है, जो अनिर्वाचित, अराजक और चरमपंथियों के समर्थन पर निर्भर है।
हसीना ने उन्हें शरण देने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद किया और कहा कि वह "भारत सरकार और उसके लोगों के उदार आतिथ्य के लिए अत्यंत आभारी हैं।
भारत के उप उच्चायुक्त को किया तलब
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को ढाका में भारत के उप उच्चायुक्त को तलब किया और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुख्यधारा के भारतीय मीडिया के साथ बातचीत पर गंभीर चिंता व्यक्त की। Edited by : Sudhir Sharma