chhat puja

काशी में महाशिवरात्रि के अगले दिन निकलेगी शिव बारात, कांग्रेस नाराज

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 25 फ़रवरी 2025 (12:28 IST)
Varansi Mahashivratri news : वाराणसी में महाकुंभ से आने वाली भारी भीड़ के चलते, चार दशकों से निकाली जाने वाली शिव बारात इस बार महाशिवरात्रि के दिन नहीं बल्कि उसके अगले दिन 27 फरवरी को निकाली जाएगी। काशी में महाशिवरात्रि के दिन पिछले 42 सालों से लगातार शिव बारात निकालने वाली समिति ने यह निर्णय लिया है कांग्रेस ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। ALSO READ: महाकुंभ में लाखों वाहनों से आए 63 करोड़ लोग, 42 दिनों तक ग्रीन जोन में रही हवा
 
शिव बारात समिति के मंत्री कमल कुमार सिंह ने बताया कि महाकुंभ से आने वाली भीड़ को देखते हुए इस बार शिव बारात शिवरात्रि के दूसरे दिन यानी 27 फरवरी को निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने महाकुंभ की भीड़ को देखते हुए इस बार शिव बारात ना निकालने की बात की। तब हमने शिवरात्रि के दूसरे दिन शिव बारात निकालने का प्रस्ताव दिया। इस पर प्रशासन भी तैयार हो गया।
 
समिति के मंत्री ने बताया कि शिव बारात समिति लगातार 42 सालों से शिवरात्रि के पावन अवसर पर शिव बारात निकाल रही है। यह 42 सालों में पहली बार है, जब महाकुंभ की भीड़ को देखते हुए शिवरात्रि के दूसरे दिन शिव बारात निकाली जा रही है।
 
 
काशी के ही निवासी, कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय राय ने कहा कि देवाधिदेव महादेव के त्रिशूल पर बसी अविनाशी काशी में बाबा भोलेनाथ के भूत, पिशाच, ताल, बैताल, सभी देवी-देवताओं के संग निकलने वाली दुनिया की पहली विश्व प्रसिद्ध शिव-बारात इस बार शासन–प्रशासन के दबाव में महाशिवरात्रि के एक दिन बाद 27 फरवरी को निकालना काशी की मूल परंपरा से खिलवाड़ है।
 
उन्होंने कहा कि परंपरा के अनुसार बारात महामृत्युंजय मंदिर, दारानगर से उठकर मैदागिन, बुलानाला चौक, बाबा धाम गोदौलिया होते हुए चितरंजन पार्क तक जाती है। वहां वधू-पक्ष भांग ठंडाई, माला-फूल से बारातियों की अगवानी करता है। काशी की यह मूल परंपरा आस्था के साथ हर काशीवासी के हृदय में बसती है।
 
राय ने कहा कि काशी की पहचान यहां की संस्कृति, आस्था, पुरातन संस्कृति, अध्यात्म से है और यहां की परंपरा विश्व पटल पर महत्व रखती है। उसी परंपरा को लगातार भाजपा सरकार खत्म कर रही है।
 
कांग्रेस नेता राय ने कहा कि शादी के बाद बारात ना निकालना तो पूर्ण रूप से वैवाहिक परंपरा एवं रीति रिवाज के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि जिस काशी की प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और परम्परा के आगे दुनिया ने घुटने टेक दिए, उस परंपरा से खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।
edited by : Nrapendra Gupta 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Farmer Protest : फिर सड़कों पर क्यों उतरे किसान, 20 KM लंबा जाम, सरकार को अल्टीमेटम, मांगें नहीं मानने पर ‘भारत बंद’ की चेतावनी

बिहार में नीतीश और दिल्ली में मोदी, CM-PM का पद खाली नहीं, तेजस्वी को अमित शाह का जवाब

Tata Sierra की धमाकेदार वापसी, 25 नवंबर को होगी लॉन्च, पेट्रोल-डीजल और EV तीनों वैरिएंट में मिलेगा, जानिए क्या होगी कीमत

1100 रुपए में 240 करोड़ का जैकपॉट, UAE में मां के जन्मदिन के नंबर्स ने भारतीय युवक को बनाया अरबपति

कोचिंग ए आतंक, लश्‍कर-ए-तैयबा महिलाओं का करेगा ब्रेनवॉश, हाफिज सईद की बहनें पढ़ाएंगी जिहाद का पाठ

सभी देखें

नवीनतम

राजा रघुवंशी मर्डर केस में नया अपडेट, सोनम और राज समेत 5 आरोपियों पर आरोप तय, जल्द शुरू होगा ट्रायल

RJD ने विधायक समेत 10 नेताओं को किया पार्टी से बाहर, क्या बोली BJP

IPS अधिकारी हरचरण सिंह भुल्लर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का नया मामला दर्ज

बागपत के सिसाना में मिले महाभारतकालीन अवशेष, हो सकते हैं कई रहस्य उजागर

Bihar Election 2025 : वोट के लिए डांस भी कर सकते है PM मोदी, BJP बोली- Rahul Gandhi की भाषा लोकल गुंडे की जैसी

अगला लेख